सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इकबालिया बयान के आधार पर दोषसिद्धि को बरकरार नहीं रखा जा सकता. (फाइल)
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति को करीब 40 साल पहले हुई अपनी पत्नी की हत्या के आरोप से बरी कर दिया. न्यायालय ने कहा कि केवल इकबालिया बयान के आधार पर उसकी दोषसिद्धि को बरकरार नहीं रखा जा सकता क्योंकि यह कमजोर साक्ष्य है. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अदालत से इतर अपराध की स्वीकारोक्ति संदिग्ध होती है. उसने कहा कि इससे बयान की विश्वसनीयता संदिग्ध हो जाती है और वह अपना महत्व खो देती है.