कृषि अध्यादेशों को लेकर राजनीति तेज हो गयी है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) में बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के कोटे से मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने इस मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया है. उनके त्यागपत्र के बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Badal) ने कहा है कि उनकी पार्टी राजग में रहने या नहीं रहने को लेकर बाद में पार्टी की एक बैठक में निर्णय लेगी.संसद के बाहर संवाददाताओं से बादल ने कहा कि शिअद किसानों और उनके कल्याण के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है.
उन्होंने कहा कि भविष्य के कदम और भाजपा नीत राजग गठबंधन में रहने या नहीं रहने को लेकर बाद में पार्टी की बैठक में निर्णय लिया जाएगा. हम एनडीए के संस्थापक सदस्य हैं. लेकिन बदलते स्थिति के साथ, हमारी पार्टी की बैठक होगी. हम हालात पर नजर बनाए हुए हैं. हमारी पार्टी में एक कोर कमेटी है जो सभी निर्णय लेती है.
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बताते चले कि अकाली दल का कहना है कि किसानों की पार्टी होने के चलते वो ऐसी किसी भी चीज को समर्थन नहीं दे सकते, जो देश, खासकर पंजाब के 'अन्नदाताओं' के खिलाफ जाता हो. सुखबीर बादल ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों की पार्टी है और वो उनकी हितों की रक्षा करने के लिए उनकी पार्टी कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार संसद के मौजूदा मानसून सत्र में किसानों से संबंधित कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा प्रदान करना) विधेयक, 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 लेकर आई है. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक मंगलवार को लोकसभा से पारित हो गया.
VIDEO:सिटी सेंटर: केंद्रीय मंत्रिमंडल से हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा
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