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This Article is From Aug 30, 2022

महानगरों में सड़क दुर्घटनाओं का बड़ा कारण हैं आवारा जानवर : रिपोर्ट

देश के महानगरों में सड़क दुर्घटनाओं (Road Accident) का एक प्रमुख कारण आवारा कुत्ते, गाय और चूहे जैसे जानवर बने हैं . यह बात अग्रणी टेक-फर्स्ट बीमा प्रदाता कंपनी एको की ‘एको एक्सीडेंट इंडेक्स 2022’ रिपोर्ट में सामने आई है.

महानगरों में सड़क दुर्घटनाओं का बड़ा कारण हैं आवारा जानवर : रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, देश में सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण जानवर थे.
नई दिल्ली:

देश के महानगरों में सड़क दुर्घटनाओं (Road Accident) का एक प्रमुख कारण आवारा कुत्ते, गाय और चूहे जैसे जानवर बने हैं . यह बात अग्रणी टेक-फर्स्ट बीमा प्रदाता कंपनी एको की ‘एको एक्सीडेंट इंडेक्स 2022' रिपोर्ट में सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार, देश में सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण जानवर थे, खासकर चेन्नई में जानवरों के कारण सबसे अधिक 3 प्रतिशत से ज्यादा दुर्घटनाएं दर्ज हुई हैं. इसमें कहा गया है कि दिल्ली और बैंगलुरू में जानवरों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या 2 प्रतिशत थी.

देश के महानगरों में जानवरों के कारण होने वाले दुर्घटनाओं में कुत्तों (Dogs) के कारण 58.4 प्रतिशत तथा इसके बाद 25.4 प्रतिशत दुर्घटनाएं गायों के कारण हुईं. रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ आश्चर्यजनक बात यह है कि चूहों के कारण 11.6 प्रतिशत दुर्घटनाएं हुई. ''कंपनी के बयान के अनुसार, इस दुर्घटना सूचकांक में बैंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, और मुंबई सहित मुख्य महानगरों में हुई दुर्घटनाओं का विवरण दिया गया है.

इसमें यह बात सामने आई है कि दिल्ली में दुर्घटना दर 20.3 प्रतिशत और मुंबई में 18.2 प्रतिशत है. दोनों शहरों में अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं वाहन चालकों के कारण हुईं . सड़क हादसों के अन्य कारणों में जानवरों का सड़क पार करना, सड़क पर गढ्ढ़े, तेज गाड़ी चलाना और नशे में वाहन चलाना आदि थे. बयान में रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का सेक्टर-12 (नोएडा) और मुंबई में घाटकोपर (वेस्ट) सबसे ज्यादा दुर्घटना-संभावित क्षेत्र हैं. इसमें बैंगलुरू में स्थिति सबसे अच्छी थी .

एको के वरिष्ठ निदेशक अनिमेश दास ने कहा, ‘‘ हम अक्सर दुर्घटनाओं का दोष खराब सड़कों को देते हैं, लेकिन यदि सड़क दुर्घटनाओं के लिए प्रमाणित उपाय किए जाएं तो उनका पूर्वानुमान लगाकर इसके कारण होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है . यह दुर्घटना सूचकांक हमारे नीति-निर्माताओं और प्रशासकों के लिए मददगार साबित होगा. ''




 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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