विज्ञापन
This Article is From Aug 09, 2017

सूखे के हालात से निपटने के लिए सूखा राहत आपदा फंड बनाया जाए: सुप्रीम कोर्ट

बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए.

सूखे के हालात से निपटने के लिए सूखा राहत आपदा फंड बनाया जाए:  सुप्रीम कोर्ट
स्वराज अभियान की तरफ से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है...
नई दिल्ली: सूखा मामले में एक सुनवाई के मामले में बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. राज्य में स्टेट फ़ूड कमीशन न बनाने की वजह से पिछली सुनवाई में कोर्ट ने चार राज्यों के मुख्य सचिवों को पेश होने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्टेट फ़ूड कमीशन को सभी राज्य सरकारों को बनाना चाहिए भले ही वो सूखा प्रभावित हो या नहीं. बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मुख्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट में आने की जरूरत नहीं है बल्कि उनको बस अपना काम करने की जरूरत है.

पढ़ें: महाराष्ट्र को पांच साल में सूखा मुक्त बनाने का सपना : आमिर खान

वहीं केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि आजादी के समय 66 फ़ीसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे थे जो अब घटकर 22 फ़ीसदी हो गए है. इसको भी कम करने का प्रयास किया जा रहा है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सूखा राहत फंड बनाने के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने सरकार से यह भी कहा कि सूखे के हालात से निपटने के लिए सूखा राहत आपदा फंड बनाया जाना चाहिए.

VIDEO : कुदरत के साथ खिलवाड़ कब तक?

स्वराज अभियान की तरफ से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट अब तीन मुद्दों पर 5 दिसंबर को तीन मुद्दों पर सुनवाई करेगा.  मजदूरी और वेतन मिलने में देरी पर मुआवजा. मनरेगा के फंड में कटौती. बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि सरकार इस मामले में गंभीरता से काम कर रही है लेकिन हर महीने बाद याचिकाकर्ता कोई नई बात लेकर सामने आ जाते गई ऐसे में मामले का समाधान नही हो पाता. इसलिए हमें 6 महीने का समय दिया जाए ताकि हम काम कर सकें. केंद्र सरकार ने इस मामले में फसल बीमा का उदाहरण दिया.

 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com