समाजवादी पार्टी के सहयोगी ओपी राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का ऐलान किया है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को होने वाले मतदान से पहले उन्होंने ये घोषणा की है. वे लखनऊ में एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार मुर्मू के लिए आयोजित भोज में भी गए थे. राजभर का कहना है कि अखिलेश ने उन्हें विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लिए आयोजित भोज में नहीं बुलाया था. ऐसे में उन्होंने एनडीए का साथ देने का फैसला लिया है.
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे राष्ट्रपति चुवान में मुर्मू का समर्थन जरूर करेंगे पर सपा के साथ गठबंधन नहीं तोड़ेंगे. बता दें कि ओपी राजभर के राजनीतिक दल सुभासपा के पास 6 विधायक हैं. बता दें कि इससे पहले बसपा प्रमुख मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है. एनडीए का साथ देने का एलान करते हुए मायावती ने कहा था कि वो द्रौपदी मुर्मू का समर्थन इसलिए कर रही हैं क्योंकि वो आदिवासी समुदाय से आती हैं.
एलान के साथ मायावती ने विपक्ष पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर विपक्ष ने बसपा से सलाह नहीं की. मायावती ने कहा था, " बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने बसपा को राष्ट्रपति उम्मीदवार तय करने के लिए आयोजित बैठक में नहीं बुलाया."
उन्होंने कहा था कि बसपा एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है, जिसका नेतृत्व दलितों के साथ है. हम ऐसी पार्टी नहीं हैं जो बीजेपी या कांग्रेस को फॉलो करती है, या जो उद्योगपतियों से जुड़ी है. हम उत्पीड़ितों के पक्ष में निर्णय लेते हैं. ऐसे में अगर कोई पार्टी ऐसी जातियों या लोगों के वर्ग के पक्ष में निर्णय लेती है, तो हम परिणाम की परवाह किए बिना इन दलों का समर्थन करते हैं.
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