- SC ने सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि की संशोधित याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य पक्षों से जवाब मांगा है
- अदालत ने गीतांजलि को अतिरिक्त सबूत दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है
- सोनम वांगचुक की हिरासत को असहमति दबाने का प्रयास याचिका में बताया गया है
लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को अभी कुछ दिन और जेल में रहना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो की संशोधित याचिका पर केंद्र सरकार, लद्दाख यूटी प्रशासन और जोधपुर जेल प्रशासन से जवाब मांगा है. अदालत ने दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है और अगली सुनवाई 24 नवंबर को तय की है. जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि उन्हें हलफनामे की प्रति आज मिली है. अदालत ने गीतांजलि की संशोधित याचिका को स्वीकार करते हुए अतिरिक्त सबूतों वाले दस्तावेज लगाने के लिए एक हफ्ते का समय दिया. इसके बाद सरकार को दस दिनों में जवाब देना होगा और फिर याचिकाकर्ता प्रत्युत्तर देंगे.
गीतांजलि के वकील कपिल सिब्बल ने बताया कि मंगलवार शाम संशोधित अर्जी और हलफनामा दाखिल किया गया है. याचिका में दावा किया गया है कि सोनम वांगचुक की हिरासत सार्वजनिक व्यवस्था या सुरक्षा की वास्तविक चिंताओं पर आधारित नहीं है, बल्कि असहमति की आवाज दबाने का प्रयास है. इसमें गिरफ्तारी से पहले की गई कार्रवाइयों का भी उल्लेख है, जैसे उनके एनजीओ के विदेशी फंडिंग प्रमाणपत्र को रद्द करना.
सोनम वांगचुक, जो लद्दाख में पर्यावरण और सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रहे हैं, पिछले कुछ समय से हिरासत में हैं. उनकी पत्नी ने पहले भी हिरासत की आलोचना की थी, लेकिन अब संशोधित याचिका में इसे योग्यता के आधार पर चुनौती दी गई है. अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी, जिससे पहले सभी पक्षों को अपने जवाब और दस्तावेज दाखिल करने होंगे.
ये भी पढ़ें-: शहाबुद्दीन के गढ़ सीवान की हवा बदल देगा योगी का '108' नंबर वाला सनातनी ब्रह्मास्त्र!
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं