पहलू खान की कथित गौरक्षकों ने पिटाई की थी जिससे उनकी मौत हो गई थी (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
राजस्थान के अलवर जिले में सालभर पहले कथित तौर पर गौरक्षकों के हाथों पहलू खान की हुई हत्या के बाद से उनका सबसे बड़ा बेटा इरशाद अपने परिवार के लिए जीविकोपार्जन करने और पिता के लिए इंसाफ पाने के दोहरे मोर्चे पर संघर्षरत है.
पहलू खान की मौत के बाद परिवार का डेयरी फार्मिंग कारोबार बंद होने के उपरांत उसका 28 वर्षीय बेटा इरशाद अब हरियाणा के नूह जिले में अपने गांव जयसिंहपुर में मजदूरी कर ग्यारह सदस्यों के अपने परिवार का भरण- पोषण करता है.
पिछले साल एक अप्रैल को पहलू खान मवेशियों को लेकर जा रहे थे जब संदिग्ध गौरक्षकों ने जमकर उसकी पिटाई की थी. दो दिन बाद अस्पताल में इलाज के दौरान वह चल बसा.
यह भी पढ़ें : पहलू खान के बेटे ने कहा- सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराई जाए हत्या के मामले की जांच
इरशाद ने पहलू खान की पहली बरसी पर भूमि अधिकार आंदोलन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर कहा, ‘‘डेयरी फार्मिंग का हमारा धंधा मेरे पिता की हत्या के साथ ही खत्म हो गया. अब मैं गांव में दिहाड़ी मजदूरी, फसल काटने और निर्माण श्रमिक के तौर पर काम करता हूं. मैं अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए करीब 8000 रुपये महीना कमाता हूं. मेरे परिवार में मेरी पत्नी, चार भाई, तीन बहनें, मां और दादी हैं.’’
VIDEO : आरोपियों से मिलीं धमकियां
उसने आरोप लगाया कि उसके परिवार को इंसाफ तो मिला नहीं, और कहीं से कोई वित्तीय मदद भी नहीं मिली.
(इनपुट भाषा से)
पहलू खान की मौत के बाद परिवार का डेयरी फार्मिंग कारोबार बंद होने के उपरांत उसका 28 वर्षीय बेटा इरशाद अब हरियाणा के नूह जिले में अपने गांव जयसिंहपुर में मजदूरी कर ग्यारह सदस्यों के अपने परिवार का भरण- पोषण करता है.
पिछले साल एक अप्रैल को पहलू खान मवेशियों को लेकर जा रहे थे जब संदिग्ध गौरक्षकों ने जमकर उसकी पिटाई की थी. दो दिन बाद अस्पताल में इलाज के दौरान वह चल बसा.
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इरशाद ने पहलू खान की पहली बरसी पर भूमि अधिकार आंदोलन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर कहा, ‘‘डेयरी फार्मिंग का हमारा धंधा मेरे पिता की हत्या के साथ ही खत्म हो गया. अब मैं गांव में दिहाड़ी मजदूरी, फसल काटने और निर्माण श्रमिक के तौर पर काम करता हूं. मैं अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए करीब 8000 रुपये महीना कमाता हूं. मेरे परिवार में मेरी पत्नी, चार भाई, तीन बहनें, मां और दादी हैं.’’
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उसने आरोप लगाया कि उसके परिवार को इंसाफ तो मिला नहीं, और कहीं से कोई वित्तीय मदद भी नहीं मिली.
(इनपुट भाषा से)
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