दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री और आम आदमी पार्टी के एमएलए सोमनाथ भारती को हाइकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले निचली अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था।
हाइकोर्ट ने अपने आदेश में कहा 15 सितंबर को हाइकोर्ट ने सोमनाथ भारती की गिरफ्तारी पर 2 दिन के लिए रोक लगाते हुए राहत दी थी लेकिन सोमनाथ भारती जिस तरह से अदालत के आदेश को ताक पर रख रात 2 बजे थाने पहुंच गये और पुलिस अधिकारियों पर जांच में शामिल होने का दबाब बनाते रहे। उससे साफ है कि सोमनाथ ने राहत का दुरूपयोग किया।
बोले सोमनाथ, अपनी पत्नी से प्यार करता हूं
कोर्ट ने कहा, 'सोमनाथ भारती के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 307, 313, 324, 498-A, 406, 417, 420, 506, 511, 34 के तहत केस दर्ज है। ये आरोप काफी गंभीर हैं। इस केस के तथ्यों और परिस्थतिजन्य हालातों को देखते हुए सोमनाथ की अपील में कोई दम नहीं दिखता। एक विधायक होने के नाते सोमनाथ भारती के अंदर अपनी पत्नी और बच्चों के प्रति जबाबदेही और संवेदनशीलता और ज्यादा होनी चाहिए। विधायक बनने से पहले उन्हें आर्थिक परेशानियां रही होगीं और उन्हें पत्नी के साथ समझौता करना पड़ा होगा लेकिन विधायक बनने के बाद भी वो अपनी पत्नी का भरोसा नहीं जीत पाये।'
अदालत ने आगे कहा, सोमनाथ पर मालवीय नगर में दो और मामले दर्ज हैं जिनसे ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता न सिर्फ घर में हिंसात्मक है बल्कि घर से बाहर भी उसका व्यवहार ठीक नहीं जैसा कि इन 2 केसों से पता चलता है।'
सोमनाथ भारती केस : कुछ यूं चला हाई कोर्ट में दलीलों का दौर
पत्नी ने लगाए हैं गंभीर आरोप
सोमनाथ भारती पर उनकी पत्नी लिपिका मित्रा ने घरेलू हिंसा और हत्या की कोशिश का मामला दर्ज कराया था। लिपिका के मुताबिक सोमनाथ ने न सिर्फ उनका गला घोंटने की कोशिश की बल्कि कई बार अपने कुत्ते से भी कटवाया। अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद सोमनाथ भारती को वकील विजय अग्रवाल ने कहा अब वो हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीट कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे।
पुलिस ने शुरू की सोमनाथ की तलाश
वहीं कोर्ट का आदेश आते ही पुलिस ने उनके घर, दफ्तर और कई ठिकानों पर छापेमारी की लेकिन भारती गायब मिले। हांलाकि वो अज्ञात नंबरों से मीडियाकर्मियों को फोन कर सफाई दे रहे थे। उनका कहना था कि अभी उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत का इंतजार है इसलिए वो पुलिस के सामने पेश नहीं होंगे। पुलिस उन्हें एक साजिश के तहत फंसा रही है। वो अदालत में अपनी बेगुनाही के सबूत पेश करेगें।
गिरफ्तार न करने का दिया था HC ने आदेश...
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए दिल्ली पुलिस को दो दिनों तक उन्हें गिरफ्तार न करने का आदेश दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मामले पर स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा था।
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