वारदात के बाद आनंद पर्वत पहुंचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
आनंद पर्वत हत्याकांड की सामाजिक पड़ताल करने जब हम आनंद पर्वत की पंजाबी बस्ती पहुंचे तो लड़की की दर्दनाक हत्या के बाद पड़ोसी एक-दूसरे पर आरोप लगाते नजर आए। कोई कह रहा था उस दिन लड़की गुहार लगाती रही, लेकिन कोई सामने नहीं आया तो कोई कह रहा था अब हम ऐसे लोगों का जमकर मुकाबला करेंगे। किसी ने ये भी कहा कि इस मोहल्ले में अभी एक लड़की का कत्ल हुआ है। सब एक हो जाओ, नहीं तो किसी की भी लड़की नहीं बचेगी।
पर अब काफी देर चुकी है। अगर उनके भीतर ये जज़्बात वक्त रहते जागे होते तो शायद 19 साल की उस लड़की की जान बच जाती, जिसे उसके दो पड़ोसी लड़के सनी और ईलू ने उसके घर के सामने चाकुओं से गोद डाला। जिस्म पर 35 जख्म लिए उस लड़की ने तब मदद के लिए आस-पड़ोस के घरों से अपनी मदद की गुहार लगाई थी, पर कोई भी सामने नहीं आया।
घनी आबादी और तंग गलियों वाले इस इलाके में ज्यादातर गरीब और मजदूर तबके के लोग रहते हैं। लोगों का कहना है कि कम उम्र के लड़कों के लिए गलत संगत में आकर जेबतराशी, चाकूबाजी या फिर सट्टेबाजी सरीखे जुर्मों से जुड़ना कोई बड़ी बात नहीं। गली-मोहल्ले और नुक्कड़ों पर राह चलती लड़कियों और महिलाओं से छेड़खानी और फब्तियां कसना उनकी आदत में शुमार होते हैं। सनी और उसका भाई ईलू समाज के कुछ वैसे ही चेहरे हैं।
मृत लड़की के पड़ोस में रहने वाली खुशबू का कहना है कि दोनों भाई शाम से ही गली में खड़े हो जाते थे। उनका काम लड़कियों पर गंदे कमेंट करना, खुलेआम मोबाइल पर अश्लील फिल्में देखना और अगर कोई लड़की नजदीक से निकल रही हो तो मोबाइल में आवाज तेज कर देना, होता था।
मोहल्ले के लोग सिर्फ ईलू और सनी से ही नहीं बल्कि उसकी दबंग मां से भी परेशान थे। मृतक लड़की की बुआ के मुताबिक, वो एक दबंग लेडी है, जिससे यहां का हर बाशिंदा डरता है। अपने लड़कों के दम पर वो हर पड़ोसी से झगड़ा करती थी। उनकी भतीजी को धमकी देती रही उसे वो मरवा कर ही मानेगी। उस पर तेजाब डाल देगी। वहीं, पड़ोस में रहने वाली 70 साल की शांति देवी ने बताया कि एक बार झगड़े में सनी की मां ने उनकी आंखों में लाल मिर्च ही डाल दी। 70 साल की एक दूसरी महिला रामश्री का कहना है कि वो सनी की मां शशिकला के चलते यहां खौफ में रहती है।
वहीं, मोहल्ले के लोगों ने कई बार पुलिस में शिकायत भी की पर आरोप ये भी है कि कई पुलिसवाले आरोपियों के घर अक्सर आते-जाते थे, लिहाजा उन पर कार्रवाई नहीं हुई। इनमें रमेश कुमार भी हैं जो करीब दो साल पहले ही पुलिस कमिश्नर तक इस बात की शिकायत पहुंचा चुके हैं।
पीड़ित परिवार के मुताबिक, साल 2013 में उन्होंने सनी, ईलु और उसकी मां के खिलाफ छेड़खानी का मामला दर्ज कराया था। तब पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार भी किया पर जल्द ही रिहा हो गए और दोबारा तंग करने लगे। इस दौरान उन्होंने एक बार पीसीआर को कॉल भी किया था।
मृतक लड़की की बुआ का कहना है कि इन लड़कों के चलते लड़की का जीना दूभर हो गया था। दोनों भाई उसके गंदे इशारे कर, उसका रास्ता रोककर, उसे तंग करते रहते थे। आरोपियों की मां हत्या में साथ थी। यहां तक उसने मृतक के हाथ भी पकड़े थे और बेटे चाकू मार रहे थे।
मृत लड़की के करीबियों को इस बात का भी मलाल है कि इंसाफ दिलाने की जगह इस पर राजनीति शुरू हो गई है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि तकरीबन तीन साल पहले दिल्ली की सड़कों पर निर्भया के इंसाफ के लिए जो भीड़ उमड़ी थी, जो वादे हुए थे और इरादे दिखे थे वो अब कहां हैं और किस हाल में हैं.. क्या वो सब सिर्फ एक बुलबुला भर था।
पर अब काफी देर चुकी है। अगर उनके भीतर ये जज़्बात वक्त रहते जागे होते तो शायद 19 साल की उस लड़की की जान बच जाती, जिसे उसके दो पड़ोसी लड़के सनी और ईलू ने उसके घर के सामने चाकुओं से गोद डाला। जिस्म पर 35 जख्म लिए उस लड़की ने तब मदद के लिए आस-पड़ोस के घरों से अपनी मदद की गुहार लगाई थी, पर कोई भी सामने नहीं आया।
घनी आबादी और तंग गलियों वाले इस इलाके में ज्यादातर गरीब और मजदूर तबके के लोग रहते हैं। लोगों का कहना है कि कम उम्र के लड़कों के लिए गलत संगत में आकर जेबतराशी, चाकूबाजी या फिर सट्टेबाजी सरीखे जुर्मों से जुड़ना कोई बड़ी बात नहीं। गली-मोहल्ले और नुक्कड़ों पर राह चलती लड़कियों और महिलाओं से छेड़खानी और फब्तियां कसना उनकी आदत में शुमार होते हैं। सनी और उसका भाई ईलू समाज के कुछ वैसे ही चेहरे हैं।
मृत लड़की के पड़ोस में रहने वाली खुशबू का कहना है कि दोनों भाई शाम से ही गली में खड़े हो जाते थे। उनका काम लड़कियों पर गंदे कमेंट करना, खुलेआम मोबाइल पर अश्लील फिल्में देखना और अगर कोई लड़की नजदीक से निकल रही हो तो मोबाइल में आवाज तेज कर देना, होता था।
मोहल्ले के लोग सिर्फ ईलू और सनी से ही नहीं बल्कि उसकी दबंग मां से भी परेशान थे। मृतक लड़की की बुआ के मुताबिक, वो एक दबंग लेडी है, जिससे यहां का हर बाशिंदा डरता है। अपने लड़कों के दम पर वो हर पड़ोसी से झगड़ा करती थी। उनकी भतीजी को धमकी देती रही उसे वो मरवा कर ही मानेगी। उस पर तेजाब डाल देगी। वहीं, पड़ोस में रहने वाली 70 साल की शांति देवी ने बताया कि एक बार झगड़े में सनी की मां ने उनकी आंखों में लाल मिर्च ही डाल दी। 70 साल की एक दूसरी महिला रामश्री का कहना है कि वो सनी की मां शशिकला के चलते यहां खौफ में रहती है।
वहीं, मोहल्ले के लोगों ने कई बार पुलिस में शिकायत भी की पर आरोप ये भी है कि कई पुलिसवाले आरोपियों के घर अक्सर आते-जाते थे, लिहाजा उन पर कार्रवाई नहीं हुई। इनमें रमेश कुमार भी हैं जो करीब दो साल पहले ही पुलिस कमिश्नर तक इस बात की शिकायत पहुंचा चुके हैं।
पीड़ित परिवार के मुताबिक, साल 2013 में उन्होंने सनी, ईलु और उसकी मां के खिलाफ छेड़खानी का मामला दर्ज कराया था। तब पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार भी किया पर जल्द ही रिहा हो गए और दोबारा तंग करने लगे। इस दौरान उन्होंने एक बार पीसीआर को कॉल भी किया था।
मृतक लड़की की बुआ का कहना है कि इन लड़कों के चलते लड़की का जीना दूभर हो गया था। दोनों भाई उसके गंदे इशारे कर, उसका रास्ता रोककर, उसे तंग करते रहते थे। आरोपियों की मां हत्या में साथ थी। यहां तक उसने मृतक के हाथ भी पकड़े थे और बेटे चाकू मार रहे थे।
मृत लड़की के करीबियों को इस बात का भी मलाल है कि इंसाफ दिलाने की जगह इस पर राजनीति शुरू हो गई है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि तकरीबन तीन साल पहले दिल्ली की सड़कों पर निर्भया के इंसाफ के लिए जो भीड़ उमड़ी थी, जो वादे हुए थे और इरादे दिखे थे वो अब कहां हैं और किस हाल में हैं.. क्या वो सब सिर्फ एक बुलबुला भर था।
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