माननीय सर्वोच्च न्यायालय का क्या निर्णय आता है, उसकी हम प्रतीक्षा करेंगे. कल अदालत में सीबीआई से हमारे वकीलों ने जो सवाल पूछे, उसका कोई जवाब उनके पास नहीं था. मनीष सिसोदिया के घर पर, गांव में, दफ्तर पर छापेमारी करने के बाद भी कुछ नहीं मिला. सीबीआई जिस एक्साइज पॉलिसी में भ्रष्टाचार की बात कह रही है, वो सबसे पहले उपराज्यपाल के पास गई, जिन्हें केंद्र सरकार ने नियुक्त किया था. उपराज्यपाल ने पॉलिसी में संशोधन करने के लिए कहा, हमारी सरकार ने इसमें संशोधन किए और उपराज्यपाल ने उस पर अपनी मुहर लगाई.
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के मामले में भी दिल्ली के उपराज्यपाल पर आम आदमी पार्टी सवाल उठा रही है. संजय सिंह का कहना है कि सीबीआई अब कह रही है कि उस एक्साइज पॉलिसी में भ्रष्टाचार हो गया, तो एलजी साहब पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? बता दें कि एलजी बनाम दिल्ली सरकार का मुद्दा बीते कई सालों से चला आ रहा है. ये मामला कोर्ट भी पहुंच चुका है.
मनीष सिसोदिया के पास कई मंत्रालयों का कार्यभार है. क्या ऐसे में दिल्ली के कामकाज पर प्रभाव नहीं पड़ेगा? इस पर संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली अच्छे ढंग से चलेगी उसकी चिंता आप मत कीजिए, हमारे लिए इस समय एक संकट का समय जरूर है, लेकिन न्याय की जीत होगी.
बता दें कि मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति मामले में जमानत के लिए मंगलवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने सिसोदिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एम. सिंघवी द्वारा दाखिल प्रतिवेदन पर गौर करते हुए कहा कि वह जमानत याचिका पर दोपहर तीन बजकर 50 मिनट पर सुनवाई करेगी. सिसोदिया फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं. शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि जेल में बंद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध कर सकते हैं.
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