विज्ञापन

झारखंड : मंत्री के PA के करीबी पर ED की कार्रवाई, घर से 35.23 करोड़ रूपये बरामद

झारखंड में लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले इस बरामदगी ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. बीजेपी ने इसमें कांग्रेस के मंत्री का कनेक्शन बताया है और विपक्षी पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.

रांची (झारखंड):

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी के दौरान झारखंड की राजधानी रांची के एक कमरे से ईडी ने 35.23 करोड़ रुपये बरामद किए हैं. नोटों की गिनती खत्म हो गई है. झारखंड में लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले इस बरामदगी ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. बीजेपी ने इसमें कांग्रेस के मंत्री का कनेक्शन बताया है और विपक्षी पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.

जिस कमरे में भारी मात्रा में नकद होने का पता चला, वो कमरा झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के घरेलू सहयोगी जहांगीर का है. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम से जुड़े आधा दर्जन परिसरों पर छापेमारी के दौरान नकदी का खुलासा किया. राम को पिछले साल सरकारी योजनाओं को लागू करने में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था.
पीएम मोदी ने ओडिशा की रैली में किया नकद बरामदगी का जिक्र

चुनाव प्रचार के लिए ओडिशा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नकद बरामदगी का जिक्र भी किया. उन्होंने केंद्र द्वारा जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर विपक्ष के आरोप का जवाब देते हुए पूछा, "आज पड़ोसी राज्य झारखंड में नोटों के पहाड़ मिल रहे हैं. अब आप ही बताइए, अगर मैं उनकी चोरी, उनकी कमाई, उनकी लूट बंद कर दूं, तो क्या वे मोदी को गाली देंगे या नहीं? गालियों के बावजूद, क्या मुझे आपका पैसा नहीं बचाना चाहिए.''

वहीं झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर एक मंत्री के सचिव के घर से ये वसूली हो रही है तो और मंत्रियों के घर में क्या-क्या मिलेगा. उन्होंने कहा, "वे कहते रहते हैं कि ईडी हमें परेशान कर रही है. मैं सरकार और कल्पना सोरेन से कहना चाहता हूं कि आपको आलमगीर आलम को मंत्री पद से हटा देना चाहिए."

कल्पना सोरेन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी हैं और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद सक्रिय राजनीति में आई हैं.

जांच पूरी होने से पहले किसी निष्कर्ष पर पहुंचना सही नहीं - आलमगीर आलम
इधर आलमगीर आलम ने कहा है कि ईडी को अपनी जांच पूरी करने से पहले किसी को भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया है कि संजीव लाल दो पूर्व मंत्रियों के सचिव के रूप में काम कर चुके हैं. उन्होंने कहा, "संजीव लाल एक सरकारी कर्मचारी हैं. वह मेरे निजी सचिव हैं. संजीव लाल पहले से ही दो पूर्व मंत्रियों के निजी सचिव रह चुके हैं. हम आमतौर पर अनुभव के आधार पर निजी सचिवों की नियुक्ति करते हैं. ऐसे में ईडी की जांच शुरू होने से पहले छापे पर टिप्पणी करना सही नहीं है."

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
6 कुतुबमीनार से भी ऊंची... काबा मक्का जैसी इमारत क्यों बना रहा सऊदी?
झारखंड : मंत्री के PA के करीबी पर ED की कार्रवाई, घर से 35.23 करोड़ रूपये बरामद
महाराष्ट्र चुनाव से पहले MVA में 'महाभारत', विदर्भ को लेकर क्यों खिंची कांग्रेस-उद्धव गुट में तलवारें?
Next Article
महाराष्ट्र चुनाव से पहले MVA में 'महाभारत', विदर्भ को लेकर क्यों खिंची कांग्रेस-उद्धव गुट में तलवारें?
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com