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This Article is From May 13, 2022

बडगाम में कश्मीरी पंडित की हत्या की जांच SIT करेगी, जम्मू-कश्मीर प्रशासन का फैसला

आतंकियों ने बडगाम जिले के चडूरा में उसके कार्यालय में राहुल को गोली मार दी थी, जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई थी. 

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बडगाम में कश्मीरी पंडित की हत्या की जांच SIT करेगी, जम्मू-कश्मीर प्रशासन का फैसला
J&K : जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राहुल भट्ट की विधवा को नौकरी देने का ऐलान किया
श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बडगाम में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या की जांच एसआईटी से कराने का फैसला किया है. प्रशासन ने यह भी कहा है कि राहुल भट्ट की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाएगी. आतंकियों ने बडगाम जिले के चडूरा में उसके कार्यालय में राहुल को गोली मार दी थी, जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई थी. जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने ट्वीट कर कहा, इस घृणित आतंकी हमले की जांच के लिए स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम बनाई गई है. इसमें स्थानीय पुलिस स्टेशन के एसएचओ को भी अटैच किया गया है. राहुल भट की विधवा को नौकरी देने की घोषणा के साथ उन्होंने कहा कि उनके बच्चों की शिक्षा का खर्च भी प्रशासन उठाएगा. उनके परिवार को वित्तीय सहायता भी दी जाएगी. 

भट की हत्या पर कश्मीरी पंडितों के आक्रोश सामने आया था, जो प्रवासियों के लिए प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत घाटी में काम कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने राहुल भट्ट की हत्या को लेकर विरोध जताते हुए श्रीनगर हवाई अड्डे की ओर बढ़ रहे कश्मीरी पंडितों को तितर-बितर करने के लिए शुक्रवार को लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. प्रदर्शनकारी पहले मध्य कश्मीर में बडगाम जिले के शेखपोरा इलाके में एकत्र हुए और इसके बाद उन्होंने हवाई अड्डे की ओर बढ़ना शुरू कर दिया, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोक दिया. प्रदर्शनकारियों से वहां से जाने का अनुरोध किया गया, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया और आगे बढ़ने की जिद्द की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. 

आतंकवादियों ने चडूरा शहर में तहसील कार्यालय के भीतर घुस कर राहुल भट को गोली मारी थी। भट को प्रवासियों के लिए विशेष नियोजन पैकेज के तहत 2010-11 में क्लर्क के तौर पर सरकारी नौकरी मिली थी. पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि उन्हें उनके घर में नजरबंद रखा गया, ताकि वह प्रदर्शनकारी कश्मीरी पंडितों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए बडगाम नहीं जा पाएं.

मुफ्ती ने कहा, अपनी रक्षा करने में भारत सरकार की नाकामी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडितों के प्रति एकजुटता जताने के लिए बडगाम जाना चाहती थी. मुझे घर में नजरबंद कर दिया गया. नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह शर्मनाक है कि वैध और उचित विरोध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई. उन्होंने कहा, यह कश्मीर के लोगों के लिए नयी बात नहीं है क्योंकि जब प्रशासन के पास हथौड़ा है तो हर समस्या कील लगती है. अगर उपराज्यपाल की सरकार कश्मीरी पंडितों की रक्षा नहीं कर सकती तो उन्हें प्रदर्शन करने का अधिकार है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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