विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Jul 04, 2022

Exclusive: सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड को कैसे दिया गया था अंजाम, स्पेशल सीपी दिल्ली पुलिस ने बताई पूरी कहानी

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (Sidhu Musewala murder case) में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के स्पेशल सीपी एचएस धारीवाल ने एनडीटीवी से बात की और इस हत्याकांड को किस तरह से अंजाम दिया गया इसके बारे में पूरी कहानी बताई.

Read Time: 4 mins

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी एचएस धारीवाल एनडीटीवी से बात करते हुए.

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (Sidhu Musewala murder case) में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के स्पेशल सीपी एचएस धारीवाल ने एनडीटीवी से बात की और इस हत्याकांड को किस तरह से अंजाम दिया गया इसके बारे में पूरी काहानी बताई. उन्होंने बताया कि हमारे पास इस हत्याकांड से जुड़े कोई बड़े सुराग और तथ्य नहीं थे, जिनके आधार पर हम काम करते, लेकिन हमने यहां जमीनी स्तर पर काम किया. 

पंजाब से जुड़े गैंस्टरों, हथियार तस्करों और नशे के तस्करों के बीच लिंक निकाला और शुरू में आठ लोगों को पूछताछ के लिए चिन्हित किया. इसके बाद पूछताछ शुरू की गई. यहां हमें कुछ न कुछ तथ्य मिलते गये जिसके आधार हर हम आगे बढ़ने लगे और अब तक इस हत्याकांड में कई शूटरों को गिरफ्तार किया जा चुका है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की मेहनत का नतीजा है कि 3 जुलाई की रात में कश्मीरी गेट बस अड्डे के पास से सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का सबसे कम उम्र के आरोपी और उसके मददगार को गिरफ्तार किया गया है. इस सबसे कम उम्र के आरोपी ने मूसेवाला को पास जाकर 6 गोलिया मांरी थीं.

ये भी पढ़े: सहारनपुर में हिंसा के आरोप में पुलिस ने पीट-पीटकर तोड़ दिए थे हाथ, अब आठ युवकों को कोर्ट ने कर दिया बरी

हत्याकांड का मोटिव बदला लेना था
सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मुख्य मोटिव यूथ अकाली लीडर विक्की मिड्डू खेड़ा की हत्या का बदला और गैंगवार था. इसके अलावा और भी कई तरह के कारण जैसे उगाही और पैसे की बात सामने आई थी, लेकिन वो सब बातें ठोस नहीं हैं. मुख्य गैंगस्टर आज भले जेल में हैं, लेकिन उनके साथी और गुर्गे बाहर हैं, जो अपराध को अंजाम देते रहते हैं. कनाड़ा में बैठा गोल्डी बराड़ इस हत्याकांड की लगातार मॉनीटरिंग कर रहा था और हत्या के निर्देश दे रहा था.

एक साल पहले बनी थी मूसेवाला की हत्या की योजना
सिदधू मूसेवाला की हत्या की योजना पिछले एक साल से चल रही थी, लेकिन अगस्त 2021 के बाद मूसेवाला को मारने के लिए काम तेज हो गया था. लगातार उनकी रेकी की जा रही थी. कई बार पहले भी उनको मारने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई न कोई कारण के चलते हत्यारों ने पहले वारदात नहीं की.  

ये भी पढ़ें : पंजाब में 'केजरीवाल एंथम' गाने वाली सिंगर भी बनीं मंत्री, भगवंत मान सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार

हत्याकांड के लिए पूरा रैकेट काम कर रहा था
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए एक पूरा रैकेट काम कर रहा था. जिसमें कुछ लोग सिद्धू मूसेवाला की रेकी कर रहे थे तो कुछ लोग शूटरों की तलाश में लगे थे. शूटर तय होने के बाद एक रैकेट ने उनको हथियार मुहैया कराया तो दूसरे रैकेट ने वाहन उपलब्ध कराया. इसके बाद कुछ लोगों ने हत्यारों को वारदात को अंजाम देने के बाद सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का काम किया. यहां सबसे बड़ी रोचक बात यह थी कि इस हत्याकांड में लगे लोग एक दूसरे को पहचानते तक नहीं थे. सारा कंट्रोल गोल्डी बराड़ के फोन से होता था. हथियार लेने और देने वाले एक दूसरे से कोई पहचान नहीं पूछते थे.

पंजाब की घटना में दिल्ली पुलिस इतनी सक्रिय कैसे हो गई  
घटना के तार दिल्ली से तब जुड़ गये जब तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का इस हत्याकांड में नाम आया. इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मामले की जांच शुरू की तो कई तार एक दूसरे से जुड़ते गये और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाने लगा.  

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Noida Road Accident: मां के सामने ही छोटी बच्ची को कार ने कुचला, वीडियो वायरल
Exclusive: सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड को कैसे दिया गया था अंजाम,  स्पेशल सीपी दिल्ली पुलिस ने बताई पूरी कहानी
स्पीकर को लेकर आखिर कांग्रेस से क्यों नाराज हुई TMC, फिर कैसे सुलझा मामला?
Next Article
स्पीकर को लेकर आखिर कांग्रेस से क्यों नाराज हुई TMC, फिर कैसे सुलझा मामला?
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;