सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मुख्य शूटर 2 साथियों संग लाया गया मानसा, नेपाल सीमा से हुए थे गिरफ्तार

पंजाब के मानसा जिले में 29 मई को सिद्धू मूसेवाला के नाम से मशहूर गायक शुभदीप सिंह सिद्धू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पंजाब सरकार द्वारा स्थायी तौर पर उनकी सुरक्षा वापस लिए जाने के एक दिन बाद यह घटना हुई थी.

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मुख्य शूटर 2 साथियों संग लाया गया मानसा, नेपाल सीमा से हुए थे गिरफ्तार

मूसेवाला पर हमले की जिम्मेदारी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने ली थी.

खास बातें

  • मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी
  • सुरक्षा वापस लेने के बाद हुआ था हमला
  • लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने ली थी हत्या की जिम्मेदारी
मानसा:

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मुख्य शूटर दीपक मुंडी को उसके दो सहयोगियों के साथ पंजाब के मानसा ले जाया गया है, अधिकारियों ने रविवार को ये जानकारी दी. शनिवार को मुख्य आरोपी दीपक मुंडी को उसके दो सहयोगियों कपिल पंडित और राजिंदर के साथ गिरफ्तार किया था. दोनों के ऊपर आरोपियों को हथियार समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का आरोप है. पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव के अनुसार, दीपक उर्फ मुंडी अब तक पुलिस की आंख में धूल झोंक रहा था और केंद्रीय एजेंसियों के साथ एक संयुक्त अभियान के तहत उसे उसके दो सहयोगियों के साथ पश्चिम बंगाल-नेपाल सीमा से पकड़ा गया.

डीजीपी ने ट्वीट किया, ‘‘पंजाब पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए केंद्रीय एजेंसियों और दिल्ली पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान चलाकर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के फरार शूटर दीपक मुंडी को उसके दो सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर मादक पदार्थ और कुख्यात आरोपियों के खिलाफ जारी युद्ध में बड़ी जीत हासिल हुई है.''

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उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘दीपक, कपिल पंडित और राजिंदर को शनिवार को पश्चिम बंगाल-नेपाल सीमा पर एजीटीएफ टीम द्वारा खुफिया अभियान के तहत गिरफ्तार किया गया. दीपक बोलेरो में बैठे मूसेवाला को गोली मारने वालों में शामिल था, जबकि कपिल पंडित और राजिंदर ने हथियारों, ठिकाने सहित अन्य सहायता प्रदान की थी.''

ज्ञात हो कि पंजाब के मानसा जिले में 29 मई को सिद्धू मूसेवाला के नाम से मशहूर गायक शुभदीप सिंह सिद्धू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पंजाब सरकार द्वारा स्थायी तौर पर उनकी सुरक्षा वापस लिए जाने के एक दिन बाद यह घटना हुई थी. मूसेवाला अपने दोस्त और चचेरे भाई के साथ मानसा में स्थित जवाहर के गांव जा रहे थे, तभी छह आरोपियों ने उनके वाहन को रोका और गोलियां बरसानी शुरू कर दीं थी. इस हमले की जिम्मेदारी कनाडा स्थित लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने ली थी.

पुलिस ने आरोपियों की पहचान प्रियव्रत फौजी, कशिश, अंकित सेरसा, दीपक मुंडी, मनप्रीत सिंह और जगरूप सिंह रूपा के तौर पर की थी, जो कथित तौर पर हत्या में शामिल थे. दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने फौजी, कशिश और सेरसा को गिरफ्तार किया था, वहीं पंजाब पुलिस ने अमृतसर में हुई मुठभेड़ में रूपा और मनप्रीत को मार गिराया था. पिछले महीने मानसा की एक अदालत में दायर 1,850 पृष्ठों के आरोप पत्र में पंजाब पुलिस ने कहा था कि गोल्डी बराड़ ने मूसेवाला की हत्या को अंजाम देने के लिए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया और कुछ अन्य लोगों के साथ गठजोड़ किया था.

आरोप पत्र के मुताबिक, गोल्डी बराड़ ने मूसेवाला की सुरक्षा वापस लिए जाने की जानकारी आरोपियों को दी थी और उन्हें जल्द से जल्द जान से मारने के लिए कहा था. बताया जाता है कि कनाडा में रहने वाले गैंगस्टर ने पिछले साल मारे गए युवा अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए मूसेवाला की हत्या की साजिश रची थी. मूसेवाला का प्रबंधक बताए जाने वाले शगनप्रीत सिंह का नाम मिड्डूखेड़ की हत्या में सामने आया था.

आरोप पत्र में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 341 (गलत तरीके से रोकना), 326 (खतरनाक हथियारों से स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना) और 148 (दंगा करना, घातक हथियार से लैस) तथा शस्त्र अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं. (भाषा इनपुट)

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