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This Article is From Jan 21, 2024

सिद्धरमैया ने केंद्र से SC के लिए आंतरिक आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन करने को कहा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने अनुसूचित जाति के लिए आंतरिक आरक्षण की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय समिति को दलित समुदाय को गुमराह करने की चाल करार दिया.

सिद्धरमैया ने केंद्र से SC के लिए आंतरिक आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन करने को कहा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया (फाइल फोटो).
बेंगलुरु:

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आंतरिक आरक्षण की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय समिति को दलित समुदाय को गुमराह करने की चाल करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस कदम के पीछे भाजपा की कोई वास्तविक चिंता नहीं है. सिद्धरमैया ने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने अनुसूचित जातियों के लिए आंतरिक आरक्षण की समीक्षा के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है.''

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर केंद्र सरकार वास्तव में अनुसूचित जातियों के लिए आंतरिक आरक्षण की मांगों को पूरा करने का इरादा रखती है, तो उसे संसद में संविधान की धारा 341 में संशोधन करने के लिए एक विधेयक पेश करना चाहिए, इसे मंजूरी देनी चाहिए और आरक्षण को शीघ्र लागू करना चाहिए.''

सिद्धरमैया ने रेखांकित किया कि इसी उद्देश्य के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित न्यायमूर्ति उषा मेहरा आयोग ने निष्कर्ष निकाला था कि अनुसूचित जातियों का उप-वर्गीकरण और आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के लिए संवैधानिक संशोधन करना ही एकमात्र समाधान है.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, जिसने आंध्र प्रदेश में अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण का अध्ययन किया था, ने भी यही राय व्यक्त की थी. फिर, एक और उच्चस्तरीय समिति की क्या आवश्यकता है? यह केवल समय बर्बाद करने की एक रणनीति प्रतीत होती है.''

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे कितनी भी उच्चस्तरीय समितियां बना लें, वे संवैधानिक प्रावधानों से परे अनुशंसा नहीं कर सकतीं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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