शिवपाल यादव (फाइल फोटो)
लखनऊ:
एक के बाद एक कई युवा नेताओं को पार्टी से निकालने के बाद शिवपाल यादव आज संगठन में फेरबदल करने जा रहे हैं. यूपी समाजवादी पार्टी की कमान संभालने के बाद शिवपाल यादव जिस तरह से एक के बाद युवा नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं उससे परिवार के भीतर घमासान थमता नहीं दिख रहा है. रामगोपाल यादव के भांजे अरविंद यादव के बाद शिवपाल ने सात और युवा नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने रामगोपाल यादव के भांजे और मैनपुरी से विधानपरिषद के सदस्य अरविंद प्रताप यादव को पार्टी से निकाले जाने को सही बताया है. अरविंद यादव को मुलायम सिंह के खिलाफ अभद्र भाषा के इस्तेमाल और उनके खिलाफ नारेबाज़ी करने का आरोप है, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया. शिवपाल ने आज कहा कि जो भी अनुशासनहीनता करेगा उसे बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा.
मुलायम सड़कों पर नारेबाजी करने वाले युवा नेताओं से सख्त नाराज बताए जाते हैं. उनके निर्देश पर अखिलेश के करीबी जिन सात नेताओं को पार्टी से बर्खास्त किया गया उनमें तीन एमएलसी सुनील सिंह साजन, आनंद भदौरिया और संजय लाथार के अलावा मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद ऐबाद, समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष ब्रिजेश यादव, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दुबे और समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह शामिल हैं. मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया तो पार्टी के युवा संगठन उसके खिलाफ सड़कों पर उतर आए. वे शिवपाल यादव को हटाकर अखिलेश यादव को अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे थे.
समाजवादी लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने मुलायम के नाम अपने खत में लिखा है कि ''जिस दिन से शिवपाल यादव प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, पूरे प्रदेश के नौजवान घुटन महसूस कर रहे हैं. और आज नौजवानों के ऊपर हुई कार्रवाई अखिलेश यादव के भविष्य पर बड़ा हमला है.''
प्रदीप तिवारी अखिलेश यादव के अलावा किसी को नेता मानने को तैयार भी नहीं हैं. वे कहते हैं ''हम नौजवानों के साथ यह बहुत बड़ी साजिश है. हम नौजवान अपना नेता सिर्फ और सिर्फ अखिलेश यादव जी को मानते हैं. उनके नेतृत्व में काम करेंगे.''
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने रामगोपाल यादव के भांजे और मैनपुरी से विधानपरिषद के सदस्य अरविंद प्रताप यादव को पार्टी से निकाले जाने को सही बताया है. अरविंद यादव को मुलायम सिंह के खिलाफ अभद्र भाषा के इस्तेमाल और उनके खिलाफ नारेबाज़ी करने का आरोप है, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया. शिवपाल ने आज कहा कि जो भी अनुशासनहीनता करेगा उसे बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा.
मुलायम सड़कों पर नारेबाजी करने वाले युवा नेताओं से सख्त नाराज बताए जाते हैं. उनके निर्देश पर अखिलेश के करीबी जिन सात नेताओं को पार्टी से बर्खास्त किया गया उनमें तीन एमएलसी सुनील सिंह साजन, आनंद भदौरिया और संजय लाथार के अलावा मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद ऐबाद, समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष ब्रिजेश यादव, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दुबे और समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह शामिल हैं. मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया तो पार्टी के युवा संगठन उसके खिलाफ सड़कों पर उतर आए. वे शिवपाल यादव को हटाकर अखिलेश यादव को अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे थे.
समाजवादी लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने मुलायम के नाम अपने खत में लिखा है कि ''जिस दिन से शिवपाल यादव प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, पूरे प्रदेश के नौजवान घुटन महसूस कर रहे हैं. और आज नौजवानों के ऊपर हुई कार्रवाई अखिलेश यादव के भविष्य पर बड़ा हमला है.''
प्रदीप तिवारी अखिलेश यादव के अलावा किसी को नेता मानने को तैयार भी नहीं हैं. वे कहते हैं ''हम नौजवानों के साथ यह बहुत बड़ी साजिश है. हम नौजवान अपना नेता सिर्फ और सिर्फ अखिलेश यादव जी को मानते हैं. उनके नेतृत्व में काम करेंगे.''
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