सुप्रीम कोर्ट में जहां एक ओर असली शिवसेना की लड़ाई चल रही है, वहीं एकनाथ शिंदे खेमा नया शिवसेना भवन (शिवसेना से अलग हुए गुट के लिए पार्टी कार्यालय) की योजना बना रहा है. कई लोगों का दावा है कि बागी गुट समानांतर शिवसेना मुख्यालय स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना भवन के अलावा बागी खेमा हर जगह नई शाखा और पार्टी ऑफिस भी खोलने की योजना बना रहा है.
सूत्रों ने बताया कि नए भवन के लिए अभी कोई जगह तय नहीं की गई है. लेकिन मुंबई के दादर में मौजूदा शिवसेना भवन के पास जगह की तलाश की जा रही है.
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एक समानांतर सेना भवन की अटकलों को खारिज करते हुए, महाराष्ट्र के नवनियुक्त मंत्री उदय सामंत ने इसे एक अफवाह करार दिया है.
उन्होंने कहा, 'यह अफवाह है कि दादर में एक समानांतर शिवसेना भवन बनाया जा रहा है. हालांकि, हम एक केंद्रीय कार्यालय खोजने की कोशिश कर रहे हैं ताकि मुख्यमंत्री आम लोगों से मिल सकें. हम शिवसेना भवन का सम्मान करते हैं और आगे भी रहेगा.'
मुंबई दादर येथे प्रति शिवसेना भवन मा. एकनाथजी शिंदे करत आहेत हा गैरसमज पसरवला जात आहे..मा. मुख्यमंत्री महोदयांना सर्वसामान्य जनतेला भेटता याव ह्यासाठी मध्यवर्ती कार्यालय असावे आमचा प्रयत्न आहे..शिवसेना भवन बद्दल आम्हाला कालही आदर होता उद्याही राहील.
— Uday Samant (@samant_uday) August 12, 2022
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले समूह पर पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के आदर्शों से भटकने का आरोप लगाते हुए अपने गुट को "असली शिवसेना" और बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा का अनुयायी बताते रहे हैं.
इस सप्ताह की शुरुआत में एकनाथ शिंदे ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है. भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद शिंदे सरकार को 'दो-व्यक्ति सरकार' करार दिया जा रहा था. क्योंकि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस उप-मुख्यमंत्री के पद पर थे. लेकिन उन्होंने अपने कैबिनेट का विस्तार नहीं किया था. शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 41 दिन बाद मंगलवार को अपने कैबिनेट का विस्तार किया. कैबिनेट में बागी शिवसेना समूह और भाजपा के 9-9 मंत्रियों को शामिल किया गया है.
ठाकरे गुट ने दावा किया है कि बागी विधायकों (जिनकी अयोग्यता याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं) को मंत्री पद की शपथ दिलाना 'लोकतंत्र और संविधान की हत्या' है.
ठाकरे गुट अपना चुनाव चिन्ह रखने के लिए भी लड़ रहा है क्योंकि शिंदे खेमा उस पर भी दावा कर रहा है. चुनाव आयोग (EC) ने उद्धव ठाकरे गुट को पार्टी के चुनाव चिन्ह - "धनुष और तीर" पर अपने दावे के समर्थन में दस्तावेज जमा करने के लिए 15 और दिन का समय दिया है.
इस साल जून में एकनाथ शिंदे ने 39 अन्य विधायकों के साथ पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी.
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