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This Article is From Jun 30, 2023

उद्धव कैंप को बड़ा झटका, एकनाथ शिंदे की टीम में शामिल होंगे आदित्य ठाकरे के सहयोगी

राहुल कनाल ने कल शिवसेना द्वारा उनके सहित बांद्रा पश्चिम के युवा सेना के सभी पदाधिकारियों को निलंबित करने पर ट्विटर पर निराशा व्यक्त की थी.

उद्धव कैंप को बड़ा झटका, एकनाथ शिंदे की टीम में शामिल होंगे आदित्य ठाकरे के सहयोगी
उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट से बाहर जाने वाले नेताओं की लिस्ट में राहुल कनाल का नाम भी जुड़ने जा रहा है.
मुंबई:

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिव सेना (UBT) को एक और झटका लगा है. आदित्य ठाकरे के करीबी सहयोगी रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना में शामिल होने की तैयारी में हैं. राहुल कनाल ठीक उसी दिन पाला बदल रहे हैं जिस दिन आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में मुंबई के नगरीय निकाय बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध मार्च निकाला जाना है.

कनाल युवा सेना के बहुत सक्रिय सदस्य रहे हैं. वे आदित्य ठाकरे के नेतृत्व वाली शिव सेना की युवा शाखा की कोर कमेटी को पहले ही छोड़ चुके हैं क्योंकि वे इस समूह की कार्यप्रणाली से परेशान थे.

कनाल ने कल ट्विटर पर उस समय अपनी निराशा व्यक्त की जब शिवसेना ने उनके सहित बांद्रा पश्चिम के युवा सेना के सभी पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया. उन्होंने ट्वीट किया कि वे "दुख महसूस कर रहे हैं." 

उन्होंने लिखा- ''बहुत अच्छे से जानते हैं कि यह किसने किया है, लेकिन जिन लोगों ने आपके लिए काम किया है उन्हें बिना सुने हटाना अहंकार है. आप मुझे हटा सकते हैं लेकिन उन लोगों को नहीं जिन्होंने अब तक दिन-रात काम किया है.''

पूर्व में राहुल कनाल को शिरडी में साईं बाबा मंदिर ट्रस्ट - श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट (SSST) में ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया गया था. वे 2017 में बीएमसी की शिक्षा समिति के सदस्य भी थे.

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट से नेताओं के बाहर जाने की कड़ी में यह नया घटनाक्रम है. इस महीने की शुरुआत में एमएलसी मनीषा कायंदे ने शिंदे की टीम में शामिल होकर आरोप लगाया था कि पार्टी के मामलों को सुनने के लिए उद्धव ठाकरे उपलब्ध नहीं हैं. उनसे एक दिन पहले वरिष्ठ नेता शिशिर शिंदे ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.

तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद पिछले साल जून में शिवसेना विभाजित हो गई थी. पार्टी का नाम और 'धनुष और तीर' चिन्ह शिंदे को आवंटित कर दिया गया.  ठाकरे गुट को एक नया नाम शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) दिया गया.

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