मोहन भागवत का फाइल फोटो...
मुंबई:
अपने जीवन काल में राम मंदिर बनाने के आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का स्वागत करते हुए शिवसेना ने आज कहा कि उन्हें राम मंदिर निर्माण के तारीख की घोषणा करनी चाहिए।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा, 'इस मुद्दे पर मोहन भागवत के रूख का हम स्वागत करते हैं। उन्हें अब अयोध्या में राम मंदिर बनाने के तारीख की घोषणा करनी चाहिए..अगर इस मुद्दे पर इतने खून-खराबे के बावजूद वहां मंदिर नहीं बन सकता तो उन सैकड़ों लोगों का क्या होगा जिन्होंने इसके लिए कुर्बानी दे दी।' इसने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास अयोध्या में राम मंदिर बनाने का 'साहस' है और जब वह मुद्दे को अपने हाथ में लेंगे तभी उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी।
संपादकीय में कहा गया, 'यह दिखाने के लिए कि सरकार केवल अल्पसंख्यकों का ख्याल नहीं रखती, राम मंदिर का निर्माण कराना आवश्यक है। अगर इसे अभी नहीं बनाया जाता है तो यह कभी नहीं बन सकता।' राजग की सहयोगी शिवसेना ने कहा, 'इस मुद्दे को अब और नहीं खींचा जा सकता। इसे अब पूरा करने की जरूरत है। इस मुद्दे पर जो खून बहा है उसका अपमान नहीं होना चाहिए।'
भागवत ने बीते बुधवार को कहा, 'यह महान लक्ष्य हमारे जीवन में ही साकार हो सकता है। हो सकता है कि इसे हम अपनी आंखों से देखें।' उन्होंने कहा था, 'कोई नहीं कह सकता कि कब और कैसे मंदिर बनेगा, लेकिन हमें तैयार रहने की जरूरत है।'
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा, 'इस मुद्दे पर मोहन भागवत के रूख का हम स्वागत करते हैं। उन्हें अब अयोध्या में राम मंदिर बनाने के तारीख की घोषणा करनी चाहिए..अगर इस मुद्दे पर इतने खून-खराबे के बावजूद वहां मंदिर नहीं बन सकता तो उन सैकड़ों लोगों का क्या होगा जिन्होंने इसके लिए कुर्बानी दे दी।' इसने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास अयोध्या में राम मंदिर बनाने का 'साहस' है और जब वह मुद्दे को अपने हाथ में लेंगे तभी उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी।
संपादकीय में कहा गया, 'यह दिखाने के लिए कि सरकार केवल अल्पसंख्यकों का ख्याल नहीं रखती, राम मंदिर का निर्माण कराना आवश्यक है। अगर इसे अभी नहीं बनाया जाता है तो यह कभी नहीं बन सकता।' राजग की सहयोगी शिवसेना ने कहा, 'इस मुद्दे को अब और नहीं खींचा जा सकता। इसे अब पूरा करने की जरूरत है। इस मुद्दे पर जो खून बहा है उसका अपमान नहीं होना चाहिए।'
भागवत ने बीते बुधवार को कहा, 'यह महान लक्ष्य हमारे जीवन में ही साकार हो सकता है। हो सकता है कि इसे हम अपनी आंखों से देखें।' उन्होंने कहा था, 'कोई नहीं कह सकता कि कब और कैसे मंदिर बनेगा, लेकिन हमें तैयार रहने की जरूरत है।'
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