शिरडी साईं बाबा मंदिर (फाइल फोटो)
शिरडी:
देश में मॉनसून ने दस्तक दे दी है, लेकिन महाराष्ट्र के कई हिस्से अब भी सूखे की चपेट में हैं। हर दिन हजारों श्रद्धालुओं को संभालने वाले शिरडी साईं बाबा संस्थान भी इससे अछूता नहीं है। देश के सबसे धनी मंदिरों में से एक शिरडी साईं बाबा मंदिर के आधे भक्त निवासों को भी पानी की कमी की वजह से से मंदिर प्रशासन ने बंद कर दिया है। इस फैसले से निजी होटलों और लॉज को तो फायदा हो रहा है, लेकिन आम भक्त बेहद परेशान हैं।
शिरडी साईं बाबा के दरबार में हर दिन औसतन पैंतीस हजार श्रद्धालु माथा टेकने पहुंचते हैं, पर्व त्योहार के दिन ये आंकड़ा लाखों में होता है। भक्तों के ठहरने के लिए साईं बाबा संस्थान ने द्वारावती, साईं आश्रम, नवीन भक्त निवास जैसी जगहें बना रखी हैं। इन जगहों पर बेहद कम किराये पर भक्त रह सकते हैं।
साईबाबा संस्थान ट्रस्ट के कार्यकारी अधिकारी बाजीराव शिंदे ने पानी कटौती को मजबूरी बताते हुए कहा कि पानी सप्लाई करने वाले स्रोतों के सूखने से शिरडी शहर के साथ-साथ भक्तनिवास और हर जगह पानी की कटौती हो रही है। हमने अपने ढाई हजार कमरों में से आधे बंद कर दिए हैं, जबकि पानी बचाने के लिए प्रसादालय में भी पत्तल पर खाना परोसा जा रहा है।
निजी होटल-लॉज बिगाड़ रहे श्रद्धालुओं का बजट
साईबाबा संस्थान के इस फैसले से आम भक्त मुश्किल में हैं, होटल और लॉज उनका बजट बिगाड़ रहे हैं। भक्त जब भक्त निवास के बुकिंग काउंटर पर जाते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि पानी की कमी से भक्त निवास बंद रखा है। शिरडी में करीब एक हजार वैध अवैध लॉज हैं, जिन्हें पानी मिलने में ज्यादा मुश्किल नहीं आ रही है।
साईबाबा संस्थान हर दिन औसतन करीब 13 से 17 लाख लीटर पानी खरीद रहा है, संस्थान नहाने और शौच जैसे कामों के लिए पानी 11 पैसे प्रति लीटर में खरीद रहा है, जबकि पीने का पानी 13 पैसे प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। लेकिन भक्त निवास के सारे कमरे खोलने के लिए ये सारे उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं।
शिरडी साईं बाबा के दरबार में हर दिन औसतन पैंतीस हजार श्रद्धालु माथा टेकने पहुंचते हैं, पर्व त्योहार के दिन ये आंकड़ा लाखों में होता है। भक्तों के ठहरने के लिए साईं बाबा संस्थान ने द्वारावती, साईं आश्रम, नवीन भक्त निवास जैसी जगहें बना रखी हैं। इन जगहों पर बेहद कम किराये पर भक्त रह सकते हैं।
साईबाबा संस्थान ट्रस्ट के कार्यकारी अधिकारी बाजीराव शिंदे ने पानी कटौती को मजबूरी बताते हुए कहा कि पानी सप्लाई करने वाले स्रोतों के सूखने से शिरडी शहर के साथ-साथ भक्तनिवास और हर जगह पानी की कटौती हो रही है। हमने अपने ढाई हजार कमरों में से आधे बंद कर दिए हैं, जबकि पानी बचाने के लिए प्रसादालय में भी पत्तल पर खाना परोसा जा रहा है।
निजी होटल-लॉज बिगाड़ रहे श्रद्धालुओं का बजट
साईबाबा संस्थान के इस फैसले से आम भक्त मुश्किल में हैं, होटल और लॉज उनका बजट बिगाड़ रहे हैं। भक्त जब भक्त निवास के बुकिंग काउंटर पर जाते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि पानी की कमी से भक्त निवास बंद रखा है। शिरडी में करीब एक हजार वैध अवैध लॉज हैं, जिन्हें पानी मिलने में ज्यादा मुश्किल नहीं आ रही है।
साईबाबा संस्थान हर दिन औसतन करीब 13 से 17 लाख लीटर पानी खरीद रहा है, संस्थान नहाने और शौच जैसे कामों के लिए पानी 11 पैसे प्रति लीटर में खरीद रहा है, जबकि पीने का पानी 13 पैसे प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। लेकिन भक्त निवास के सारे कमरे खोलने के लिए ये सारे उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं।
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