
पद्म सम्मान बेईमान लोगों को दिए जाने की बात कहकर विवादों में घिरे जदयू नेता शरद यादव ने खुद भी 2014 में इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए गुड़गांव के एक डॉक्टर के नाम की सिफारिश की थी।
गृह मंत्रालय के एक दस्तावेज के अनुसार, तत्कालीन लोकसभा सदस्य यादव ने पिछले साल पद्म सम्मान के लिए बलराज सिंह यादव के नाम की सिफारिश की थी।
जब इस बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होनें ने कहा कि हो सकता है कि उन्होंने किसी के नाम की सिफारिश की हो क्योंकि वह नियमित ऐसा करते रहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जो कहा और मैंने जो सिफारिश की, उसमें कोई विरोधाभास नहीं है।’’ यादव ने दावा किया कि इस मुद्दे पर उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कहा था कि पद्म सम्मान के चयन की प्रक्रिया बेईमानीपूर्ण है और इसमें कोई पारदर्शिता नहीं है।’’ यादव ने कहा, ‘‘पद्म सम्मानों के लिए दलितों, आदिवासियों और किसानों की अकसर अनदेखी की जाती है।’’ खबरों के मुताबिक, यादव ने शुक्रवार को मुंबई में एक समारोह में कहा था कि पद्म सम्मान केवल बेईमान लोगों को दिए जाते हैं। इन्हें केवल समाज के उच्च वर्ग के लोगों को दिया जाता है।
साल 2014 में सरकार ने 127 लोगों को पद्म सम्मान से विभूषित किया था लेकिन डॉ बलराज सिंह यादव का नाम सूची में नहीं था।
जदयू नेता के अलावा तीन अन्य लोगों ने डॉक्टर के नाम की सिफारिश की थी। इनमें हरियाणा के तत्कालीन स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा मंत्री राव नरेंद्र सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और गुड़गांव के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव नरिंदर कौर और गुड़गांव के उपायुक्त शामिल थे।
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