NCP बनाम NCP मामले में शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट (NCP Vs NCP Sharad Pawar Supreme Court) से जल्द सुनवाई की मांग की है. जिस पर CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने भरोसा दिलाया कि वह इस मामले में जल्द सुनवाई करेंगे. शुक्रवार को शरद पवार की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ऐसी संभावना है कि शरद पवार को अजित पवार द्वारा जारी व्हिप का सामना करना पड़ सकता है. बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा सत्र अगले सप्ताह शुरू होगा.
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शरद पवार गुट की सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग
शरद पवार के गुट को अभी तक कोई पार्टी चिन्ह आवंटित नहीं किया गया है. यह एक अजीब स्थिति होगी, चुनाव आयोग के आदेश के कारण, जब अगले हफ्ते विधानसभा शुरू होगी, तो शरद पवार अजित पवार के व्हिप के अधीन होंगे. शरद पवार गुट ने कहा कि उस आदेश को चुनौती दी जा रही है, यह दूसरे मामले में उठाए गए कानून के सवालों के समान है. उन्होंने हमे कोई चुनाव चिन्ह ही नहीं दिया है, यह उद्धव ठाकरे मामले से भी बदतर है.
चुनाव आयोग के फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती
बता दें कि दरअसल शरद पवार गुट मामले पर जल्द सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. चुनाव आयोग के फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी गई है. अदालत में अजित पवार गुट को NCP का चुनाव चिन्ह घड़ी देने के फैसले को चुनौती देते हुए चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है. इससे पहले इस मामले में अजित पवार गुट भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कैविएट याचिका में कहा गया है कि कोई भी फैसला करने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए.
"अजित पवार ही असली NCP"
बता दें कि महाराष्ट्र के स्पीकर ने माना कि अजित गुट ही असली एनसीपी (NCP) है. इस गुट को 41 विधायकों का समर्थन हासिल है. दरअसल पिछले साल अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी के विधायकों ने विद्रोह कर दिया था. अजित पवार गुट की तरफ से दावा किया गया था कि उनका गुट ही असली एनसीपी है. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अजित पवार के पास शरद पवार से ज्यादा विधायकों का समर्थन है, वही असली एनसीपी हैं.
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