विज्ञापन
This Article is From Nov 10, 2017

पॉल्यूशन की चपेट में दिल्ली : उत्तर भारत के कई अन्य शहरों का भी बुरा हाल

दिल्ली में अगले सप्ताह से लागू होगी सम-विषम योजना, तीन दिनों में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आने का अनुमान

पॉल्यूशन की चपेट में दिल्ली : उत्तर भारत के कई अन्य शहरों का भी बुरा हाल
दिल्ली में लगातार तीसरे दिन गुरुवार को जहरीली धुंध छाई रही.
नई दिल्ली: दिल्ली में लगातार तीसरे दिन गुरुवार को प्रदूषण का व्यापक प्रभाव देखा गया. शहर में जहरीली धुंध छाई रही. तड़के दृश्यता का स्तर 200 मीटर था लेकिन शाम साढ़े पांच बजे के बाद यह बढ़कर 800 मीटर हो गया. प्रदूषण की चपेट में राजधानी ही नहीं है, आसपास के शहरों समेत यूपी, हरियाणा, पंजाब और बिहार के भी कई शहर इस समस्या से घिरे हैं.   

राष्ट्रीय राजधानी के अलावा कानपुर, वाराणसी, लखनऊ, गया, मुजफ्फरपुर, कोटा, मुरादाबाद, आगरा, फरीदाबाद और नोएडा सहित कई अन्य शहरों में भी प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है.  दिल्ली सरकार ने मंगलवार से पहली बार प्रदूषण का स्तर कम होने के बावजूद 13 नवंबर से सम-विषम (ऑड-ईवन) योजना फिर से शुरू करने की घोषणा की है.

प्रदूषण के स्तर और उनके असर
delhi pollution data
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने राष्ट्रीय राजधानी में एक दिन में 500 के पैमाने पर 486 वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दर्ज किया. पड़ोस के फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और गुड़गांव की भी एक्यूआई आपात स्थिति में दर्ज की गई. मंगलवार से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के बाद से गुरुवार को दोपहर 12 बजे से पीएम 2.5 और पीएम 10 के अल्ट्राफाइन कणों के स्तर में गिरावट दर्ज की गई.

सीपीसीबी के वायु प्रयोगशाला के प्रमुख दीपांकर साहा ने बताया कि नमी के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है. ग्रैडेड रिस्पांस एक्शन योजना के तहत किए गए उपायों की समीक्षा के लिए सीपीसीबी की एक टॉस्क फोर्स इस नतीजे पर पहुंची है कि शनिवार को प्रदूषण के स्तर में ‘बहुत कम’ श्रेणी की गिरावट आएगी जो इस समय जारी ‘आपात स्थिति’ से दो स्तर नीचे होगी. बताया गया है कि अभी के जरूरत के हिसाब से सम-विषम सहित ग्रैडेड रिस्पांस एक्शन योजना के तहत कोई अतिरिक्त उपाय नहीं किया गया है.

प्रदूषण का कहां कितना स्तर
delhi pollution data


दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि सम-विषम योजना 2016 में दो बार राष्ट्रीय राजधानी में लागू की गई थी और यह योजना आगामी 13 नवंबर से 17 नवंबर तक सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक लागू होगी. महिला चालकों, दो पहिया वाहनों और स्कूली यूनिफॉर्म में स्कूली बच्चों के अलावा वीवीआईपी के वाहनों को इस योजना से छूट दी गई है. इसके अलावा जिस कार का अंतिम नंबर सम से समाप्त होगा वह सम तारीखों को जबकि जिस वाहन का अंतिम नंबर विषम नंबर को समाप्त होगा वह विषम तारीखों को सड़कों पर चल सकेंगे. इसके अलावा पीले नंबरों वाले व्यवसायिक वाहन भी इस योजना के अंतर्गत नहीं आएंगे.

गहलोत ने बताया कि दिल्ली सरकार ने सम-विषम सप्ताह के दौरान यात्रियों की भीड़भाड़ से निपटने के लिए दिल्ली परिवहन निगम को निजी ठेकेदारों से 500 बसें लेने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा, दिल्ली मेट्रो ने भी इस अवधि के दौरान 100 छोटी बसें मुहैया कराने का वादा किया है. स्कूल स्वेच्छा से अपनी बसें देने के लिए स्वतंत्र हैं. हालांकि, ऐसी कोई बाध्यता नहीं है. सीएनजी वाहनों को छूट मिलेगी लेकिन गाड़ियों पर स्टीकर लगा होना चाहिए. यह स्टीकर कल दोपहर दो बजे से पूरी दिल्ली के 22 आईजीएल गैस स्टेशनों पर मिलेंगे. गहलोत ने कहा कि पिछली बार लागू की गई सम-विषम योजना के दौरान के पुराने स्टीकर भी वैध होंगे.

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने निर्माण, औद्योगिक गतिविधियों और शहर में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा की राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि फसलों का अवशेष नहीं जलाया जाए और किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाए.

कई शहर प्रदूषण से घिरे
delhi pollution data

दिल्ली हाईकोर्ट ने धूल और वातावरण में मौजूद विशेष पदार्थों को कम करने के लिए सरकार से कृत्रिम वर्षा कराने के विकल्प पर विचार करने को कहा है. अदालत ने सम-विषम योजना लाने की योजना पर भी विचार करने की सलाह दी जिसके कुछ घंटों के बाद सरकार ने इसकी घोषणा की.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने क्षेत्र में प्राणघातक प्रदूषण स्तर को देखते हुए केन्द्र और दिल्ली, पंजाब और हरियाणा सरकारों को नोटिस भेजा है और जीवन और स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन करने को लेकर खतरे से निपटने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाने पर प्रशासन की खिंचाई की.

पर्यावरण मंत्रालय ने वायु प्रदूषण के समाधान का प्रस्ताव और निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि सात सदस्यीय समिति की अध्यक्षता पर्यावरण सचिव करेंगे जो लघु अवधि और दीर्घ अवधि उपायों पर काम करेगा. वह एक योजना तैयार करने और विभिन्न प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए नियमित अंतराल पर बैठक करेंगे.

शहर में 20 नए वायु निगरानी स्टेशनों के उद्घाटन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पराली जलाने के लिए एक स्थाई समाधान निकालने को लेकर केन्द्र, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली सरकारों को एक साथ आने की और राजनीतिक मतभेदों को दूर रखने की आवश्यकता पर बल दिया. पराली जलाने के कारण यहां प्रदूषण फैल रहा है.

यह भी पढ़ें : दिल्ली में पिछली बार की तरह ही होगा ऑड ईवन का फॉर्मूला, कल से मिलेंगे सीएनजी वाले स्टीकर

दिल्ली शहर में उच्च स्तर के प्रदूषण को देखते हुए उप राज्यपाल के आदेश के बाद तीनों नगर निगमों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में पार्किंग शुल्क गुरुवार से बढ़ाकर चार गुना कर दिया गया है. दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के अंतर्गत खान मार्केट, सरोजनी नगर मार्केट, सेन्ट्रल मार्केट सहित कई बड़े बाजार आते हैं. हालांकि, जारी आदेश में कहा गया है कि पार्किंग में की गई चार गुनी बढ़ोतरी केवल एक ‘सप्ताह की समयावधि’ के लिए है. उप राज्यपाल अनिल बैजल के निर्देशानुसार उत्तर और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों (एनडीएमसी और ईडीएमसी) ने भी पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी की है.

दूसरी तरफ, दिल्ली पुलिस ने उप राज्यपाल के निर्देश पर राष्ट्रीय राजधानी की प्रवेश सीमाओं को आवश्यक वस्तुओं को लेकर आ रहे ट्रकों के अलावा दूसरे ट्रकों के लिए सील कर दिया है. उप राज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली यातायात पुलिस और नगर निगमों को गुरुवार को रात में 11 बजे से 12 नवंबर की रात 11 बजे तक भारी और मध्यम मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.

प्रदूषण को देखते हुए राजनीतिक पार्टियों और संगठनों ने यहां लोगों के बीच मास्क का वितरण किया. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ‘अभियान दिल्ली’ नामक एक गैर सरकारी संगठन के साथ मिलकर कनॉट प्लेस में मास्क का वितरण किया. दिल्ली भाजपा ने एक बयान में कहा कि उन्होंने दिल्लीवासियों से विशेषकर सुबह के दौरान एहतियात बरतने और मास्क लगाकर बाहर जाने की अपील की.

VIDEO : बीजिंग में प्रदूषण से निपटने के अलग तरीके

दिल्ली में 13 नवंबर से लागू होने जा रही सम-विषम योजना को लेकर हरित संगठनों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि शहर में प्रदूषण को कम करने के लिए यह एक दीर्घकालिक समाधान नहीं है. द इनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीच्यूट (टेरी) ने कहा कि छूट इसकी प्रभावशीलता को कम कर सकती है. ग्रीन पीस इंडिया ने कहा कि निर्माण, ताप विद्युत संयंत्रों जैसे अन्य तत्वों से भी निपटा जाना चाहिए जो प्रदूषण बढ़ाते हैं.
(इनपुट एजेसियों से)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com