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This Article is From Sep 11, 2012

कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को मिली जमानत, बाहर आने से किया इनकार

मुंबई: बम्बई उच्च न्यायालय ने देशद्रोह के मामले में कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को जमानत तो दे दी... इसके बावजूद असीम ने अपने खिलाफ लगे देशद्रोह के आरोपों को हटाए जाने तक जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया।

उधर, इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने चेतावनी दी थी कि असीम को यदि रिहा नहीं किया गया तो जेल के बाहर ही धरना-प्रदर्शन पर बैठ जाएंगे। इसी बीच महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने भी उत्तर प्रदेश के निवासी असीम का समर्थन किया है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहित शाह एवं न्यायमूर्ति नितिन जमदर की खंडपीठ ने अधिवक्ता संस्कार मराठी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए असीम को जमानत दे दी।

इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) की कार्यकर्ता प्रीति मेनन ने बताया कि पांच हजार रुपये के मुचलके पर असीम को जमानत मिली।

आईएसी के मयंक गांधी ने बताया कि असीम ने मुम्बई पुलिस द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए देशद्रोह के आरोपों को वापस लेने तक जेल से बाहर आने से इनकार किया है।

गृहमंत्री आरआर पाटील ने कहा था कि पुलिस एवं कानून विभाग से असीम के खिलाफ लगाए गए देशद्रोह के आरोप पर राय मांगी जाएगी। इसके कुछ ही घंटे बाद कार्टूनिस्ट ने जेल से बाहर आने से इनकार किया।

केजरीवाल ने इससे पहले कहा था, "असीम को रिहा करो या हमें गिरफ्तार करो।" उन्होंने कहा, "असीम ने भ्रष्टाचार के खिलाफ और लोकपाल के लिए लड़ाई लड़ी है लेकिन उन्हें देशद्रोही करार दिया गया है और जिन्होंने कोयले की चोरी की उन्हें देशभक्त कहा जा रहा है।"

केजरीवाल ने कहा कि पाटील, सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी और कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने स्वीकार किया है कि त्रिवेदी के खिलाफ उपयुक्त मामला नहीं बनाया गया।

पाटील ने इससे पहले स्वीकार किया था कि त्रिवेदी के खिलाफ मामले में गृह मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं थी और साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया था कि वह उनकी जल्द रिहाई की कोशिश करेंगे।

राज ने असीम के खिलाफ देशद्रोह का मामला वापस लेने एवं उन्हें रिहा करने की मांग की।

एक कार्टूनिस्ट के रूप में राज ने कहा कि असीम ने केवल कार्टून के द्वारा अपने गुस्से को बाहर निकाला है। उन्होंने कहा, "कार्टून के द्वारा अपनी भावनाएं व्यक्त करने में क्या खराबी है।" राज ने प्रश्न किया कि क्यों अफजल गुरु एवं अजमल कसाब को फांसी देने में देरी की जाती है और कार्टूनिस्ट को देशद्रोह का सामना करना पड़ता है।

भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना हजारे की मुहिम से जुड़े 25 वर्षीय त्रिवेदी पर अपनी वेबसाइट पर 'घृणित एवं आपत्तिजनक' सामग्री डालने और पिछले साल दिसम्बर में भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान संविधान का अपमान करने वाला बैनर लगाने का आरोप है।

पुलिस ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद उन्हें बांद्रा-कुर्ला से गिरफ्तार किया था। बांद्रा के मजिस्ट्रेट ने उन्हें रविवार को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था।

पुलिस ने हालांकि त्रिवेदी से एक ही दिन पूछताछ की और आगे पूछताछ नहीं करने का निर्णय लिया। सोमवार को उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 24 सितम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत राजद्रोह का आरोप लगाया गया है।

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