शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत ने आज राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) और शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक की मेजबानी की. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बैठक से पहले अपनी टिप्पणी में कहा, "मैं बैठक के लिए निमंत्रण स्वीकार करने के लिए सदस्य देशों का आभार व्यक्त करता हूं. अजीत डोभाल कहा कि किसी भी तरह का आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक खतरा है. सभी देशों को आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों सहित काउंटर टेररिज्म प्रोटोकॉल के प्रति अपने दायित्व को पूरा करना है. एससीओ की अगली महत्वपूर्ण बैठक 27-29 अप्रैल को दिल्ली में आयोजित होने वाली रक्षा मंत्रियों की बैठक होगी.
किसी भी तरह का आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक खतरा है। सभी देशों को आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों सहित काउंटर टेररिज्म प्रोटोकॉल के प्रति अपने दायित्व को पूरा करना है: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल pic.twitter.com/ZQSNpt8oWM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 29, 2023
SCO में शामिल हैं ये देश
इसके बाद 4 और 5 मई को गोवा में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की जाएगी और जुलाई में एससीओ शिखर सम्मेलन होना है. इसमें एससीओ सदस्यों के राष्ट्र प्रमुखों की भागीदारी देखने की संभावना है. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) 2001 में स्थापित एक अंतर-सरकारी संगठन है और इसमें आठ सदस्य देश शामिल हैं. भारत, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान इसके सदस्य हैं. भारत 9 जून, 2017 को एससीओ का पूर्ण सदस्य बन गया. अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया जैसे चार पर्यवेक्षक राज्य हैं और छह संवाद सहयोगी - अर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की हैं.
जानें कितना मजबूत SCO
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की स्थापना दो दशक पहले अपने सदस्य देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी. एससीओ के आठ सदस्य देश दुनिया की कुल आबादी का लगभग 42 प्रतिशत और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 25 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं. रूसी सुरक्षा परिषद के एक बयान के अनुसार, रूसी संघ की सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव बुधवार को नई दिल्ली में एससीओ सदस्य देशों की सुरक्षा परिषदों के सचिवों की वार्षिक बैठक में भाग लेंगे.
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