
सुप्रीम कोर्ट में बॉर्डर पर किसानों पर कार्रवाई करने वाले पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई. मुख्य सचिव, गृह सचिव और पंजाब राज्य के पुलिस महानिदेशक सहित पंजाब के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली इस याचिका में कहा गया है कि पंजाब सरकार की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति के आदेश का उल्लंघन करती है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने पिछले साल के आदेश की जानबूझकर अवज्ञा की और किसी भी 'अप्रिय घटना' को रोकने के लिए शंभू सीमा पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया.
आरोप है कि पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी सीमाओं पर 'जबरन बेदखली अभियान' चलाया, जिसमें 3,000 से अधिक पुलिस कर्मी शामिल थे. जिसमें प्रदर्शनकारी किसानों को जबरन हटाया गया. उनके शिविरों को नष्ट कर दिया गया और जगजीत सिंह दल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर सहित कई नेताओं को हिरासत में लिया गया. अवमानना याचिकाकर्ता सहजप्रीत सिंह ने दलील दी है कि ये कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय से कोई संशोधन या अनुमति प्राप्त किए बिना की गई, जिसने यथास्थिति का आदेश पारित किया था.
हाल ही में पंजाब पुलिस ने खनौरी और शंभू बॉर्डर से किसानों को हटाकर इलाके को खाली कराया है. यह कार्रवाई 19 मार्च की रात को शुरू हुई थी, जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने 20 मार्च को अपने हिस्से की बैरिकेडिंग हटाई. बता दें खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन पिछले साल 13 फरवरी से चल रहा था. किसानों की मांग थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए, लेकिन एक साल से ज्यादा समय तक चले इस प्रदर्शन के कारण स्थानीय लोगों का जनजीवन प्रभावित हो रहा था.
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