सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से उत्तर प्रदेश पुलिस के नोटिस के खिलाफ यस बैंक के मामले पर नए सिरे से विचार करने को कहा है. पुलिस की नोटिस में यस बैंक को डिश टीवी में वोटिंग अधिकारों को स्थानांतरित करने और प्रयोग करने से रोक दिया था. नवंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 102 के तहत यस बैंक को डिश टीवी द्वारा कथित रूप से गिरवी रखे गए शेयरों के संबंध में और शेयर ट्रांसफर करने या एजीएम में अपने मतदान अधिकारों का प्रयोग करने से रोकने के संबंध में नोटिस जारी करने पर उत्तर प्रदेश पुलिस को फटकार लगाई थी.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के 25 नवंबर 2021 के आदेश के खिलाफ यस बैंक की एसएलपी पर सुनवाई कर रही थी. जिसमें एफआईआर और सीआरपीसी की धारा 102 के तहत जारी नोटिस के खिलाफ बैंक की रिट याचिका खारिज कर दी गई थी.
हाईकोर्ट ने कहा था कि अनुच्छेद 226 के तहत ऐसे विवादित तथ्यों की जांच नहीं की जा सकती क्योंकि याचिकाकर्ता के पास वैकल्पिक उपाय हैं और वह एक वैध जांच को रोकने के लिए अपने रिट अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने के लिए इच्छुक नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोटिस सीआरपीसी की धारा 102 के तहत जारी किया गया था, वह नोटिस जारी करने वाले अधिकारी पी.सी., पुलिस आयुक्तालय, जी.बी. नगर ग्रेटर नोएडा में अपराध शाखा के जांच अधिकारी के अधिकार क्षेत्र से परे है.
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