प्रतीकात्मक फोटो
कोलकाता:
देश की बैंकिंग प्रणाली की साइबर सुरक्षा भंग होने के बाद भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि वे अपने बैंक के एटीएम का ही प्रयोग करें. इसके साथ ही एसबीआई ब्लॉक किए गए छह लाख डेबिट कार्डों को अगले 10 दिन में बदलने में जुटी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक (कोलकाता सर्किल) पार्थ प्रतिम सेनगुप्ता ने कहा, 'जिन उपभोक्ताओं के डेबिट कार्ड ब्लॉक किए गए हैं, उन्हें बदलने के लिए हमने सात-10 दिन तक लक्ष्य रखा है. हम अपने ग्राहकों को सलाह देते हैं कि वे केवल एसबीआई के एटीएम का ही प्रयोग करें.' कहा जा रहा है कि एसबीआई के कार्ड को जिस वायरस ने प्रभावित किया है, वह किसी दूसरे बैंक के एटीएम से आया था. इसके बाद एसबीआई ने छह लाख डेबिट कार्ड को ब्लॉक कर दिया.
अनुमान है कि इस वायरस से विभिन्न बैंकों के 30 लाख से ज्यादा डेबिट कार्ड प्रभावित हुए हैं. सूत्रों के अनुसार यह आंकड़ा 62 लाख तक जा सकता है.इस दौरान एसबीआई का पूरा ध्यान खुदरा ऋण कारोबार को बढ़ाने पर है. सेनगुप्ता ने कहा, "इस त्योहारी में हमने 1,000 करोड़ रुपये के ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है. जबकि पिछले साल इस दौरान 700 करोड़ रुपये के ऋण बांटे गए थे। इस दौरान जितने भी ऋण बांटे जाएंगे, उसका एक हिस्सा बैंक कुछ चुने हुए एनजीओ को देगा, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और आश्रय जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक (कोलकाता सर्किल) पार्थ प्रतिम सेनगुप्ता ने कहा, 'जिन उपभोक्ताओं के डेबिट कार्ड ब्लॉक किए गए हैं, उन्हें बदलने के लिए हमने सात-10 दिन तक लक्ष्य रखा है. हम अपने ग्राहकों को सलाह देते हैं कि वे केवल एसबीआई के एटीएम का ही प्रयोग करें.' कहा जा रहा है कि एसबीआई के कार्ड को जिस वायरस ने प्रभावित किया है, वह किसी दूसरे बैंक के एटीएम से आया था. इसके बाद एसबीआई ने छह लाख डेबिट कार्ड को ब्लॉक कर दिया.
अनुमान है कि इस वायरस से विभिन्न बैंकों के 30 लाख से ज्यादा डेबिट कार्ड प्रभावित हुए हैं. सूत्रों के अनुसार यह आंकड़ा 62 लाख तक जा सकता है.इस दौरान एसबीआई का पूरा ध्यान खुदरा ऋण कारोबार को बढ़ाने पर है. सेनगुप्ता ने कहा, "इस त्योहारी में हमने 1,000 करोड़ रुपये के ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है. जबकि पिछले साल इस दौरान 700 करोड़ रुपये के ऋण बांटे गए थे। इस दौरान जितने भी ऋण बांटे जाएंगे, उसका एक हिस्सा बैंक कुछ चुने हुए एनजीओ को देगा, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और आश्रय जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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