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This Article is From Mar 30, 2023

"सनातन धर्म को किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं" : RSS प्रमुख मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने उत्तराखंड के हरिद्वार में 'संन्यास दीक्षा' के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन धर्म जो बहुत पहले से था, आज भी है और कल भी रहेगा.

मोहन भागवत ने ऋषिग्राम पहुंचकर पतंजलि संन्यास में संन्यास पर्व के आठवें दिन चतुर्वेद पारायण यज्ञ किया.

हरिद्वार:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि 'सनातन धर्म' को किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह समय की कसौटी पर खरा साबित हुआ है. उन्‍होंने कहा कि आज आप भगवा रंग धारण करके इसकी प्रतिष्ठा बढ़ाने का संकल्प ले रहे हैं. जो 'सनातन' है, उसे किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है. यह "समय सिद्ध" है. आरएसएस प्रमुख ने उत्तराखंड के हरिद्वार में 'संन्यास दीक्षा' के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा.

मोहन भागवत ने आगे कहा कि सनातन धर्म जो बहुत पहले से था, आज भी है और कल भी रहेगा. उन्‍होंने कहा, "बाकी सब कुछ बदल जाता है. यह बहुत पहले शुरू हुआ था, आज भी है और कल भी रहेगा. हमें अपने आचरण से लोगों को 'सनातन' समझाना होगा." मोहन भागवत ने ऋषिग्राम पहुंचकर पतंजलि संन्यास में संन्यास पर्व के आठवें दिन चतुर्वेद पारायण यज्ञ किया.

इस मौके पर मौजूद स्वामी रामदेव ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद पतंजलि महर्षि दयानंद, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी और स्वदेशी शिक्षा प्रणाली के सभी क्रांतिकारियों के सपने को पूरा कर रही है. उन्होंने कहा, "देश आजाद हो गया, लेकिन शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था उसकी अपनी नहीं है. गुलामी के संस्कारों और प्रतीकों को खत्म करना होगा. यह काम केवल संन्यासी ही कर सकते हैं."

गुरुवार को रामनवमी के अवसर पर स्वामी रामदेव 150 युवाओं को दीक्षा देकर 'प्रतिष्ठान संन्यास' करने जा रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पतंजलि विश्वविद्यालय के नवनिर्मित भवन का भी उद्घाटन करेंगे. इसका उद्देश्य भविष्य के नेताओं को प्राचीन ऋषियों की दृष्टि के साथ प्रशिक्षित करना है, जो भारत के लिए एक ऐसी दुनिया का नेतृत्व करने के लिए एक प्रमुख तत्व है जो सभी सृष्टि की भलाई के लिए सेवा में रहता है.

इससे पहले, भव्य संन्यास दीक्षा कार्यक्रम का उदघाटन् करते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने कहा कि पतंजलि योगपीठ से 100 लोगों के संन्यास की दीक्षा लेना तथा संन्यास लेने की इच्छा जाहिर करने वाले 15000 युवाओं में से 500 प्रबुद्धजनों के आचार्य बालकृष्ण से ब्रह्मचर्य की दीक्षा लेने का अवसर बहुत रोमांचित करने वाला है. उन्होंने कहा ​कि यह चमत्कार तो स्वामी रामदेव ही कर सकते हैं.

बता दें कि दस दिवसीय इस कार्यक्रम में देश के शीर्ष संतों के अलावा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी शामिल होने की संभावना है.

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