सीबीएसई ने कहा है कि बच्चों के घर से स्कूल आवागमन के दौरान सुरक्षा का जिम्मा स्कूल का है.
नई दिल्ली:
अब स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के घर से स्कूल पहुंचने और फिर वापस घर पहुंचने के दौरान भी उनकी सुरक्षा जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होगी. इस बारे में स्कूल अब लापरवाही नहीं बरत सकेंगे. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें दोषी पाए जाने पर संबंधित स्कूल की सीबीएसई से संबद्धता रद्द करने की चेतावनी भी दी गई है.
आम तौर पर स्कूल बच्चों को स्कूल लाने और घर पहुंचाने के दौरान सुरक्षा के संबंध में खुद को जिम्मेदार नहीं मानते. कुछ स्कूलों में इस मामले में बरती गई लापरवाही के मामलों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने चेताया है कि बच्चों की सुरक्षा के संबंध में किसी लापरवाही के लिए स्कूल के प्रबंधन एवं प्रमुख को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. इसके साथ ही दोषी पाए गए स्कूलों की बोर्ड से संबद्धता भी रद्द की जा सकती है.
सीबीएसई के उप सचिव (संबद्धता) के श्रीनिवासन द्वारा स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा के संबंध में परिपत्र जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि बोर्ड हमेशा से छात्र केंद्रित नीतियों को आगे बढ़ाने की वकालत करता रहा है. बोर्ड पाठ्यक्रम, पाठ्येत्तर विषय, स्वास्थ्य संबंधी पहल के साथ बच्चों के व्यक्तित्व के समग्र विकास पर जोर देता रहा है. वह इस संबंध में समय-समय पर परिपत्र जारी करता है.
सर्कुलर में कहा गया है कि 16 दिसंबर 1997 को एमसी मेहता बनाम यूनियन आफ इंडिया एवं अन्य मामले में उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए आदेश दिया जिसमें बच्चों को ले जाने वाली बसों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में दिशानिर्देश शामिल हैं. परिपत्र में कहा गया है कि मीडिया में बच्चों को स्कूल लाने और घर पहुंचाने के दौरान सुरक्षा के संबंध में कुछ स्कूलों द्वारा बरती गई लापरवाही की घटनाओं की खबरें आई हैं. इनसे स्कूली बच्चों की सुरक्षा के बारे में गहरी चिंताएं सामने आई हैं.
सीबीएसई ने कहा है कि ‘‘बच्चों की सुरक्षा के संबंध में किसी लापरवाही के लिए स्कूल के प्रबंधन एवं प्राचार्य को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. उनके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी जिसमें नियमों के तहत स्कूलों की बोर्ड से संबद्धता भी रद्द की जा सकती है.’’ बोर्ड ने कहा कि बोर्ड के संबद्धता नियमों एवं विभिन्न परिपत्रों में इस बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है और जिसमें स्कूलों को बच्चों को लाने और घर पहुंचाने के दौरान सुरक्षा अनुपालन की बात स्पष्ट की गई है. अभिभावकों की ओर से स्कूलों में व्यक्त किया गया विश्वास और जिम्मेदारी पवित्र है. इसे देश के युवा नागरिकों के पोषण के संदर्भ में प्रत्येक स्कूल का मार्गदर्शक बनना चाहिए.
बोर्ड की ओर से कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश को ध्यान में रखते हुए इन दिशानिर्देशों का पूरा पालन किया जाना चाहिए. बोर्ड ने कहा है कि समय आ गया है कि स्कूलों को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए स्कूल परिवहन में इस बारे में जरूरी उपाय सुनिश्चित करना चाहिए.
सीबीएसई ने दिशानिर्देशों से स्कूलों के प्रबंधन पर नकेल कस दी है. स्कूल आने-जाने के दौरान बच्चों के साथ होने वाली घटनाओं की खबरें अक्सर सामने आती हैं. अब स्कूल बच्चों के आवागमन के दौरान उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी से नहीं बच सकेंगे.
( इनपुट एजेंसी से)
आम तौर पर स्कूल बच्चों को स्कूल लाने और घर पहुंचाने के दौरान सुरक्षा के संबंध में खुद को जिम्मेदार नहीं मानते. कुछ स्कूलों में इस मामले में बरती गई लापरवाही के मामलों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने चेताया है कि बच्चों की सुरक्षा के संबंध में किसी लापरवाही के लिए स्कूल के प्रबंधन एवं प्रमुख को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. इसके साथ ही दोषी पाए गए स्कूलों की बोर्ड से संबद्धता भी रद्द की जा सकती है.
सीबीएसई के उप सचिव (संबद्धता) के श्रीनिवासन द्वारा स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा के संबंध में परिपत्र जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि बोर्ड हमेशा से छात्र केंद्रित नीतियों को आगे बढ़ाने की वकालत करता रहा है. बोर्ड पाठ्यक्रम, पाठ्येत्तर विषय, स्वास्थ्य संबंधी पहल के साथ बच्चों के व्यक्तित्व के समग्र विकास पर जोर देता रहा है. वह इस संबंध में समय-समय पर परिपत्र जारी करता है.
सर्कुलर में कहा गया है कि 16 दिसंबर 1997 को एमसी मेहता बनाम यूनियन आफ इंडिया एवं अन्य मामले में उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए आदेश दिया जिसमें बच्चों को ले जाने वाली बसों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में दिशानिर्देश शामिल हैं. परिपत्र में कहा गया है कि मीडिया में बच्चों को स्कूल लाने और घर पहुंचाने के दौरान सुरक्षा के संबंध में कुछ स्कूलों द्वारा बरती गई लापरवाही की घटनाओं की खबरें आई हैं. इनसे स्कूली बच्चों की सुरक्षा के बारे में गहरी चिंताएं सामने आई हैं.
सीबीएसई ने कहा है कि ‘‘बच्चों की सुरक्षा के संबंध में किसी लापरवाही के लिए स्कूल के प्रबंधन एवं प्राचार्य को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. उनके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी जिसमें नियमों के तहत स्कूलों की बोर्ड से संबद्धता भी रद्द की जा सकती है.’’ बोर्ड ने कहा कि बोर्ड के संबद्धता नियमों एवं विभिन्न परिपत्रों में इस बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है और जिसमें स्कूलों को बच्चों को लाने और घर पहुंचाने के दौरान सुरक्षा अनुपालन की बात स्पष्ट की गई है. अभिभावकों की ओर से स्कूलों में व्यक्त किया गया विश्वास और जिम्मेदारी पवित्र है. इसे देश के युवा नागरिकों के पोषण के संदर्भ में प्रत्येक स्कूल का मार्गदर्शक बनना चाहिए.
बोर्ड की ओर से कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश को ध्यान में रखते हुए इन दिशानिर्देशों का पूरा पालन किया जाना चाहिए. बोर्ड ने कहा है कि समय आ गया है कि स्कूलों को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए स्कूल परिवहन में इस बारे में जरूरी उपाय सुनिश्चित करना चाहिए.
सीबीएसई ने दिशानिर्देशों से स्कूलों के प्रबंधन पर नकेल कस दी है. स्कूल आने-जाने के दौरान बच्चों के साथ होने वाली घटनाओं की खबरें अक्सर सामने आती हैं. अब स्कूल बच्चों के आवागमन के दौरान उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी से नहीं बच सकेंगे.
( इनपुट एजेंसी से)
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