भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के बीच किसी भी औपचारिक बैठक की संभावना नहीं है. सूत्रों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है. दो दिन पहले ही एस जयशंकर ने पनामा की विदेश मंत्री जनैना तेवने मेंकोमो के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए परोक्ष रूप से पाकिस्तान की आलोचना की है. बिलावल भुट्टो एससीओ के क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन की बैठक में शामिल होने के लिए अगले महीने भारत का दौरा करेंगे.
भारत के विदेश मंत्री ने कहा, "हमारे लिए एक ऐसे पड़ोसी के साथ जुड़ना बहुत मुश्किल है जो हमारे खिलाफ सीमा पार आतंकवाद की ट्रेनिंग देता हो. हमने हमेशा कहा है कि उन्हें सीमा पार आतंकवाद को प्रोत्साहित करने, प्रायोजित करने और न करने की प्रतिबद्धता को पूरा करना है. हम उम्मीद जारी रखते हैं कि एक दिन हम उस मुकाम पर पहुंचेंगे."
पिछले हफ्ते ही जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक आतंकवादी हमले में पांच भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.
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पाकिस्तान ने कहा है कि बिलावल भुट्टो जरदारी 4 और 5 मई को गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेंगे, यह पिछले कई सालों में देश की पहली उच्च स्तरीय यात्रा है. भारत ने हालांकि कहा है कि किसी एक देश की भागीदारी पर ध्यान देना उचित नहीं होगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान ने दोनों विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक का अनुरोध किया है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सीधा जवाब नहीं दिया.
एससीओ एक यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा गठबंधन है, जिसमें आठ सदस्य देश शामिल हैं - चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान. भारत और पाकिस्तान 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में संगठन में शामिल हुए.
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