केंद्र सरकार ने भविष्य निधि (PF) में किए जाने वाले बड़े योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर बजट 2021 में टैक्स लगाए जाने को न्यायोचित ठहराते हुए जानकारी दी है कि देश में PF में सबसे ज़्यादा योगदान देने वाले शख्स के खाते में 103 करोड़ रुपये जमा हैं, और सबसे ज़्यादा योगदान वाले दूसरे बड़े दो खाते हैं, जिनमें 86-86 करोड़ रुपये जमा हैं. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में प्रतिवर्ष 2.5 लाख रुपये से अधिक योगदान देने वालों को हासिल होने वाले ब्याज पर टैक्स लगाने का सरकार का निर्णय अंशदाताओं में समानता के सिद्धांत पर आधारित है, और इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI), जो एक करोड़ रुपये से भी ज़्यादा की मासिक रकम PF में डालते हैं, को अन्य ईमानदार करदाताओं की कीमत पर आय हासिल नहीं हो.
सरकार ने किसी भी HNI का नाम उजागर किए बिना बताया, देश के शीर्ष 20 HNI के खातों में लगभग 825 करोड़ रुपये जमा हैं, और शीर्ष 100 HNI अंशदाताओं के खातों में कुल मिलाकर 2,000 करोड़ से ज़्यादा की रकम जमा है.
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कुल मिलाकर 99 फीसदी EPF-पंजीकृत अंशदाताओं का योगदान 2.5 लाख रुपये या उससे कम है, और उन सभी को उस कर छूट से लाभ मिलेगा, जो PF में सालाना 2.5 लाख रुपये या उससे कम योगदान देते हैं.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2021 के बजट में प्रस्तावित किया था कि जिन कर्मचारियों का PF में सालाना अंशदान 2.5 लाख रुपये या उससे ज़्यादा है, उन्हें मिलने वाला ब्याज करयोग्य होगा. EPF की यह योजना उन प्राइवेट नौकरीपेशाओं की सुरक्षा के लिए प्रसातवित की गई है, जिनके पास सेवानिवृत्त होने या नौकरी छोड़ देने के बाद कोई बचत नहीं रहती है.
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HNI देश के कुल EPF खाताधारकों का 0.27 फीसदी हैं, और उनके खातों में औसतन 5.92 करोड़ रुपये प्रति व्यक्ति जमा है, जिस पर वे प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति 50.3 लाख रुपये का करमुक्त ब्याज हासिल करते हैं. उनकी इस आय की कीमत वास्तव में वेतनभोगी तथा अन्य करदाता चुकाते हैं.
करों में दी जाने वाली कोई भी छूट दरअसल करदाताओं की रकम से ही दी जाती है, सो, सूत्रों के मुताबिक, यह अनुचित था कि HNI के छोटे से समूह को एक जनकल्याण योजना का लाभ उठाने दिया जाए और करमुक्त आय गलत तरीके से हासिल करने दी जाए. उन्होंने यह भी कहा कि सामान्य EPF खाताधारक नियमों में इस बदलाव से प्रभावित नहीं होंगे.
बताया गया है कि EPF में 4.5 करोड़ से ज़्यादा खाताधारक हैं. इनमें से 1.23 लाख खाते HNI से जुड़े हैं, जो मासिक रूप से बड़ी रकमें इसमें जमा करते हैं, और उनका कुल योगदान अनुमानतः 62,500 करोड़ रुपये है. शीर्ष 20 HNI के खातों में कथित रूप से 825 करोड़ रुपये जमा हैं, जबकि शीर्ष 100 HNI अंशदाताओं के खातों में कुल मिलाकर 2,000 करोड़ से ज़्यादा की रकम जमा है.
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