
- SC ने आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखने से मना करते हुए डॉग लवर्स को उन्हें अपनाने की अनुमति दी है.
- अगर आप घर में कुत्तों को पाल रहे हैं, तो उनका स्थानीय पशु नियंत्रण विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य है.
- कुत्तों को छह से आठ सप्ताह की उम्र में टीकाकरण शुरू करना चाहिए और नियमित रूप से बूस्टर डोज़ लगवानी चाहिए.
डॉग लवर्स के लिए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत भरी खबर आई कि आवारा कुत्तों को शेल्टर होम्स में नहीं रखा जाएगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डॉग लवर्स आवारा कुत्तों को अडॉप्ट भी कर सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुत्तों को घर में पालने के कुछ नियम हैं? कुत्तों के रजिस्ट्रेशन से लेकर उनके वैक्सीनेशन तक का पूरा रिकॉर्ड रखना पड़ता है. अगर कोई डॉग लवर ऐसा नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है. ऐसे में घर में कुत्तों को पालने के कुछ नियम और जिम्मेदारियों को आपको ध्यान में रखना चाहिए.
कुत्तों का रजिस्ट्रेशन है जरूरी, वरना...
अगर आपने घर में कोई कुत्ता पाल लिया है, तो उसका रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होता है. फिर वह किसी खास नस्ल का कुत्ता हो या स्ट्रीट डॉग. आपको अपने कुत्ते को स्थानीय पशु नियंत्रण विभाग में पंजीकृत करना होता है. कुत्तों की रजिस्ट्रेशन फीस शहर के अनुसार अलग-अलग हो सकती है, जैसे कि गाजियाबाद में रजिस्ट्रेशन फीस पांच गुना बढ़ाकर 200 रुपये से 1000 रुपये कर दी गई है. रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, कुत्ते की फोटो और उसका वैक्सीनेशन रिकॉर्ड शामिल होते हैं.

कुत्तों के वैक्सीनेशन के नियम
कुत्तों का वैक्सीनेशन कराना बेहद जरूरी होता है. इनको टीके लगवाने का समय आमतौर पर 6-8 सप्ताह की उम्र में शुरू हो जाता है. इनमें- डीएचपीपी (डिस्टेम्पर, हेपेटाइटिस, पैरावायरस, पैराइन्फ्लुएंजा) शामिल हैं. पिल्लों को 6 महीने की उम्र तक हर 2-4 सप्ताह में बूस्टर टीके दिए जाते हैं. टीकाकरण के बाद, सालाना बूस्टर वैक्सीन डोज लगवाने की सलाह दी जाती है. साथ ही रेबीज का टीका लगवाना भी ज़रूरी होता है. कुत्तों के टीकाकरण के लिए पशु चिकित्सक से सलाह लेना सबसे ज़रूरी है, क्योंकि वे आपके कुत्ते की उम्र, नस्ल और जीवनशैली के अनुसार सही सलाह दे सकते हैं.
- सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, जो लोग आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं, उन्हें ही उनका वैक्सीनेशन भी कराना चाहिए. यदि कोई आवारा कुत्ता किसी को काटता है, तो इलाज का खर्च भी उन्हीं पर होगा. आमतौर पर
- आवारा कुत्ते लोगों को काट लेते हैं, क्योंकि वे खुले घूमते हैं. ऐसे में आवारा कुत्तों का वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है.
- कुत्तों को रेबीज की वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है, खासकर यदि वे आवारा हैं या अन्य जानवरों के संपर्क में आते हैं. यदि कोई कुत्ता रेबीज से संक्रमित हो जाता है, तो यह बीमारी जानलेवा हो सकती है.
- कुत्तों को बीमारियों से बचाने के लिए वैक्सीनेशन आवश्यक है, जैसे कि रेबीज, पार्वो वायरस और कैनाइन कोरोना वायरस.
- कुत्तों को वैक्सीनेशन से कई बीमारियों से बचाया जा सकता है और उनके काटने से होने वाली बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है.

घर में कुत्तों को पालने की कुछ जिम्मेदारियां
- कुत्तों के मालिकों को नियमों का पालन करना होगा, जैसे कि सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को ले जाते समय मुंह पर मास्क लगाना और कुत्तों द्वारा की गई गंदगी की सफाई करना.
- आपको अपने कुत्ते की सुरक्षा और जिम्मेदारी का ध्यान रखना होगा. इसमें उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखना, उन्हें अन्य जानवरों और लोगों से बचाना, और उनकी गतिविधियों पर नजर रखना शामिल है.
- आपको अपने कुत्ते की स्वच्छता और स्वास्थ्य का ध्यान रखना होता है. इसमें नियमित नहलाना, बालों की देखभाल, और स्वास्थ्य जांच शामिल हैं.
- कुत्तों को प्रशिक्षण और सामाजिककरण की आवश्यकता होती है, ताकि वे अच्छी तरह से व्यवहार करें और अन्य जानवरों और लोगों के साथ बातचीत कर सकें.
- डॉग लवर्स को नियमों का पालन न करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है, जैसे कि गाजियाबाद में 10 हजार रुपये का जुर्माना है.
- हाउसिंग सोसाइटीज में कुत्ते रखने के नियम भी हो सकते हैं, जैसे कि 10 पड़ोसियों की लिखित सहमति या NOC लेना आवश्यक हो सकता है.
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