
दो हजार के नोट नोटबंदी की घोषणा के ढाई माह पहले छपना शुरू हुए थे.
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मध्यप्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ की अर्जी पर मिली जानकारी
नोटबंदी से ढाई माह पहले ही शुरू हुई थी 2000 के नोटों की छपाई
500 के पुराने नोटों की छपाई 27 अक्टूबर 2016 को बंद हो गई थी
गौड़ द्वारा जी गई जानकारी के मुताबिक आरटीआई से स्पष्ट हुआ है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्ण स्वामित्व वाली एक सहायक यूनिट ने सरकार द्वारा नोटबंदी की घोषणा करने से करीब ढाई माह पहले 2000 रुपये के नए नोटों की छपाई शुरू कर दी थी. इस घोषणा के एक पखवाड़े बाद 500 रुपये के नए नोटों की छपाई आरंभ की गई थी.
चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत दिए गए उनके आवेदन पर भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल) से मिले जवाब में उक्त जानकारी दी गई है. बेंगलुरु में स्थित बीआरबीएनएमपीएल के एक अफसर ने अर्जी के जवाब में बताया है कि इस इकाई में 2000 रुपये के नए नोटों की छपाई का पहला चरण 22 अगस्त 2016 को शुरू किया गया था, जबकि 500 रुपये के नए नोटों की छपाई का पहला चरण 23 नवंबर 2016 आरंभ हुआ था.
आरबीआई द्वारा वर्ष 1995 में स्थापित कम्पनी ने गौड़ की आरटीआई अर्जी के एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि इस इकाई में 500 रुपये के पुराने नोटों की छपाई का आखिरी चरण 27 अक्टूबर 2016 को खत्म हुआ था. एक हजार के पुराने नोटों की छपाई का आखिरी चरण 28 जुलाई 2016 को खत्म हो गया था.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को रात में अपने टेलीविजन संदेश में नोटबंदी की घोषणा की थी. इसमें कहा गया था कि 500 और 1000 रुपये के नोट अब वैध नहीं रहेंगे.
(इनपुट एजेंसी से)
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