विदेश से आने वाले यात्रियों की हवाई अड्डे पर रैंडम आरटी-पीसीआर जांच करने के भारत के कदम से उनकी चिंता बढ़ी है, लेकिन प्रवासी भारतीयों समेत छुट्टी मनाने के लिए आने वालों की यात्रा योजनाओं पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है. भारतीय समुदाय के सदस्यों ने रविवार को यह बात कही. भारत सरकार ने शनिवार को कहा था कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड से भारत आने वाले यात्रियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता लगाने के लिए अनिवार्य रूप से उनकी आरटी-पीसीआर जांच की जाएगी.
कोविड-19 के मामलों में कमी और व्यापक टीकाकरण के बाद भारत ने नवंबर से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अनिवार्य आरटी-पीसीआर जांच बंद कर दिया था. अमेरिका में रहने वाली डॉ सम्पत शिवांगी चार जनवरी को इंदौर में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस में हिस्सा लेने वाली हैं. वह हैदराबाद में एक अन्य कार्यक्रम में भी शामिल होंगी.
शिवांगी ने कहा कि चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों और मौतों की खबरों के बीच भारत कोविड से जुड़ी स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है. उन्होंने कहा, "वास्तव में, हम भारत सरकार की सराहना करते हैं जिसने सफलतापूर्वक कोविड से लड़ाई लड़ी और इस तरह के किसी भी खतरे से निपटने की योजना बनाई है. इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित एक वक्ता के रूप में, मैं अपनी भागीदारी को लेकर उत्सुक हूं."
फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन के प्रमुख अंकुर वैद्य ने कोविड सतर्कता के मद्देनजर भारत द्वारा की गई पहल की सराहना की. हालांकि, उन्होंने कहा कि आगामी प्रवासी भारतीय दिवस पर भी विचार करने की आवश्यकता है, जिसके लिए विदेश मंत्रालय ने व्यापक तैयारियां की हैं.
वैद्य ने कहा, "जिन्होंने विदेश मंत्रालय के आश्वासन पर प्रीमियम किराया टिकट खरीदे हैं, वे एक निश्चित स्थिति में होंगे. उदाहरण के लिए, मैंने बेहतर योजना के लिए उस एयरलाइन को फोन किया, जिसके साथ मुझे यात्रा करनी है. वर्तमान में, कोविड को लेकर टिकट रद्द करने की (कंपनी की) कोई नीति नहीं हैं, इसलिए इसके सामान्य शुल्क लागू होंगे." उन्होंने कहा कि स्थिति की समीक्षा के दौरान सरकार को अन्य पहलुओं को भी ध्यान में रखना चाहिए.
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