नई दिल्ली:
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) चाहता है कि पूर्व सैनिकों की वन रैंक-वन पेंशन की मांग पर जल्द से जल्द कोई फ़ैसला होना चाहिए। संघ ने अपनी मंशा बीजेपी को बता दी है। दिल्ली में चल रही संघ की तीन दिन की समन्वय बैठक में ये मुद्दा उठा और संघ ने साफ कर दिया कि वन रैंक-वन पेंशन की मांग पर फैसला लेने में अब देर नहीं होनी चाहिए।
संघ का कहना है कि जरूरत पड़े तो इस मुद्दे पर आयोग भी बनाया जाना चाहिए। इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी मौजूद थे। तीन दिवसीय इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कुछ देर के लिए शामिल हो सकते हैं।
दरअसल, आरएसएस की तीन दिवसीय अहम बैठक वसंत कुंज स्थित मध्यांचल में चल रही है। बैठक के पहले सत्र में संघ और उससे जुड़े दूसरे संगठनों से प्रतिनिधियों से बातचीत कर कामकाम फीडबैक लिया गया।
वहीं, दूसरे सत्र में कृषि क्षेत्र पर विस्तार से चर्चा हुई और कृषि क्षेत्र को लेकर मोदी सरकार की नीतियों की समीक्षा की गई। इस बैठक में संघ के पदाधिकारियों के अलावा बीजेपी संसदीय बोर्ड के सभी सदस्य और वरिष्ठ मंत्री भी मौजूद हैं।
बैठक में कृषि क्षेत्र के जुड़े कुछ संगठनों के नुमाइंदे भी इस बैठक में शामिल हुए हैं, जोकि सरकार से अपने मुद्दों को लेकर सीधी बात कर पाएंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त, आर्थिक नीतियों, सामाजिक मुद्दों, धार्मिक जनगणना, आरक्षण और दलित-आदिवासियों के लिए किए जा रहे कामों पर चर्चा हो सकती है।
मोदी सरकार बनने के बाद ये पहली बार है कि आरएसएस के सभी संगठनों की एक समन्वय बैठक हो रही है। इस दौरान संघ के अनुषंगिक संगठनों के नेता देश भर में बने माहौल के बारे में बीजेपी नेताओं को बताएंगे। बैठक में सरकार के कामकाज और देश में सरकार को लेकर बन रहे माहौल पर चर्चा होगी।
संघ का कहना है कि जरूरत पड़े तो इस मुद्दे पर आयोग भी बनाया जाना चाहिए। इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी मौजूद थे। तीन दिवसीय इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कुछ देर के लिए शामिल हो सकते हैं।
दरअसल, आरएसएस की तीन दिवसीय अहम बैठक वसंत कुंज स्थित मध्यांचल में चल रही है। बैठक के पहले सत्र में संघ और उससे जुड़े दूसरे संगठनों से प्रतिनिधियों से बातचीत कर कामकाम फीडबैक लिया गया।
वहीं, दूसरे सत्र में कृषि क्षेत्र पर विस्तार से चर्चा हुई और कृषि क्षेत्र को लेकर मोदी सरकार की नीतियों की समीक्षा की गई। इस बैठक में संघ के पदाधिकारियों के अलावा बीजेपी संसदीय बोर्ड के सभी सदस्य और वरिष्ठ मंत्री भी मौजूद हैं।
बैठक में कृषि क्षेत्र के जुड़े कुछ संगठनों के नुमाइंदे भी इस बैठक में शामिल हुए हैं, जोकि सरकार से अपने मुद्दों को लेकर सीधी बात कर पाएंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त, आर्थिक नीतियों, सामाजिक मुद्दों, धार्मिक जनगणना, आरक्षण और दलित-आदिवासियों के लिए किए जा रहे कामों पर चर्चा हो सकती है।
मोदी सरकार बनने के बाद ये पहली बार है कि आरएसएस के सभी संगठनों की एक समन्वय बैठक हो रही है। इस दौरान संघ के अनुषंगिक संगठनों के नेता देश भर में बने माहौल के बारे में बीजेपी नेताओं को बताएंगे। बैठक में सरकार के कामकाज और देश में सरकार को लेकर बन रहे माहौल पर चर्चा होगी।
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