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This Article is From Jun 10, 2024

हजारों साल जो हमने अन्याय किया और छुआछूत फैली है, उसे ठीक करना ही होगा : RSS चीफ मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमारे विचार अलग हो सकते हैं, तरीके अलग हो सकते हैं, लेकिन हमें इस देश को अपना मानकर, उसके साथ भक्तिपूर्ण संबंध स्थापित कर, इस देश के सभी बेटे अपने भाई हैं, ये जानकर व्यवहार करना पड़ेगा.

हजारों साल जो हमने अन्याय किया और छुआछूत फैली है, उसे ठीक करना ही होगा : RSS चीफ मोहन भागवत
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को नागपुर में कहा कि हजारों सालों से हमने जो अन्याय किया है, उसको अब मिटाना होगा. कुछ स्वार्थी लोगों ने छुआछूत फैलाई, हमें उसको ठीक करना होगा. कार्यकर्ता विकास वर्ग समापन समारोह को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि काम सब लोग करते हैं, लेकिन काम करते समय मर्यादा का भी पालन करना चाहिए. उसके काम से किसी को चोट ना पहुंचे.

भागवत ने कहा कि मर्यादा ही अपना धर्म और संस्कृति है. उस मर्यादा का पालन करके जो चलता है, वो कर्म करता है, कर्मों में लिप्त नहीं होता. उसमें अहंकार नहीं आता कि मैंने किया है. वो ही सेवक कहलाने का अधिकारी रहता है.

आरएसएस प्रशिक्षुओं की सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि भगवान ने सबको बनाया है. भगवान की बनाई कायनात के प्रति अपनी भावना क्या होनी चाहिए, सोचना पड़ेगा. समय के प्रवाह में जो विकृति आई है, उसे हटाना होगा. उन्होंने कहा कि मत अलग हो सकते हैं, तरीके अलग हो सकते हैं, लेकिन हमें इस देश को अपना मानकर, उसके साथ भक्तिपूर्ण संबंध स्थापित कर, इस देश के सभी बेटे अपने भाई हैं, ये जानकर व्यवहार करना पड़ेगा.

मोहन भागवत ने मणिपुर में एक साल बाद भी शांति स्थापित नहीं होने पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि संघर्ष प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार किया जाना चाहिए. विभिन्न स्थानों और समाज में संघर्ष अच्छा नहीं है.

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उन्होंने देश के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर दिया. भागवत ने कहा कि मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है. राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है.

आरएसएस प्रमुख ने कहा, 'मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा. चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है.'

पिछले साल मई में मणिपुर में दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी. तब से अब तक करीब 200 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि बड़े पैमाने पर आगजनी के बाद हजारों लोग विस्थापित हुए हैं.

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