राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को नागपुर में कहा कि हजारों सालों से हमने जो अन्याय किया है, उसको अब मिटाना होगा. कुछ स्वार्थी लोगों ने छुआछूत फैलाई, हमें उसको ठीक करना होगा. कार्यकर्ता विकास वर्ग समापन समारोह को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि काम सब लोग करते हैं, लेकिन काम करते समय मर्यादा का भी पालन करना चाहिए. उसके काम से किसी को चोट ना पहुंचे.
भागवत ने कहा कि मर्यादा ही अपना धर्म और संस्कृति है. उस मर्यादा का पालन करके जो चलता है, वो कर्म करता है, कर्मों में लिप्त नहीं होता. उसमें अहंकार नहीं आता कि मैंने किया है. वो ही सेवक कहलाने का अधिकारी रहता है.
मोहन भागवत ने मणिपुर में एक साल बाद भी शांति स्थापित नहीं होने पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि संघर्ष प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार किया जाना चाहिए. विभिन्न स्थानों और समाज में संघर्ष अच्छा नहीं है.
उन्होंने देश के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर दिया. भागवत ने कहा कि मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है. राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है.
पिछले साल मई में मणिपुर में दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी. तब से अब तक करीब 200 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि बड़े पैमाने पर आगजनी के बाद हजारों लोग विस्थापित हुए हैं.
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