कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के वीडियो को गलत तरीके से पेश करके अपने शो में चलाने को लेकर ज़ी न्यूज के एंकर रोहित रंजन की परेशानियां कम नहीं हो रही है. दूसरी तरफ उनकी तलाश में दिल्ली-एनसीआर में डेरा डाले हुए छत्तीसगढ़ से आई पुलिस की आधी टीम वापस लौट गई है. रोहित रंजन फरार हैं. परिवार के लोगों के भी फोन बंद हैं, घर पर ताला लगा है. 18 तक वारंट की तारीख है. अगर 18 तारीख तक वे नहीं मिले तो वारंट की तारीख आगे बढ़ानी पड़ेगी.
छत्तीसगढ़ पुलिस ने गाजियाबाद और नोएडा पुलिस के खिलाफ पहले ही शिकायत कर रखी है. छत्तीसगढ़ पुलिस ने यूपी पुलिस पर सहयोग न करने और वारंटी को भगाने का आरोप लगाया है. छत्तीसगढ़ पुलिस से जुड़े आधे लोग अब भी नोएडा में ही रोहित रंजन की तलाश में रुके हुए हैं.
रोहित रंजन को सुप्रीम कोर्ट से राहत
वहीं रोहित रंजन को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल उन्हें गिरफ़्तारी से छूट दी है. दरअसल, एंकर के खिलाफ जयपुर, छत्तीसगढ़ समेत विभिन्न राज्यों के अलग-अलग जिलों में मामले दर्ज कराए गए हैं. ऐसे में वहां की पुलिस उनको गिरफ्तारी करने के प्रयास में है.
छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई
बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने ज़ी मीडिया में दो प्रकार के नोटिस लगा दिए थे . CrPC 91 के तहत ज़ी मीडिया से कुछ दस्तावेज मांगे गए हैं जबकि CrPC 160 के तहत बयान देने के लिए नोटिस दिया गया था. ज़ी न्यूज से छत्तीसगढ़ पुलिस ने नोटिस देकर पूछा है कि रोहित रंजन की नियुक्ति कब हुई है और वो कब से DNA कार्यक्रम को होस्ट कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस ने यह भी पूछा है कि 1 जुलाई को राहुल गांधी का बयान प्रसारित होने वाले कार्यक्रम से पहले क्या कोई शोध टीम इसे देखती है और अगर देखती है तो उसके नाम और पता और उसकी क्या भूमिका होती है इसकी जानकारी देनी है. छत्तीसगढ़ पुसिल ने खबर प्रसारित होने के बाद जो माफी नामा है उससे संबंधित वीडियो भी उपलब्ध कराने के लिए ज़ी न्यूज़ को कहा है.
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