कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहन गुप्ता बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं. उन्होंने कांग्रेस पर ‘अपमान' और ‘चरित्र हनन' का आरोप लगाते हुए पिछले महीने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. रोहन गुप्ता ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि पार्टी ने दिशा और विश्वसनीयता खो दी है, इसके लिए "वामपंथी विचारों" वाले अहंकारी नेताओं को धन्यवाद, जिन्होंने जमीनी स्तर से प्रतिक्रिया को नजरअंदाज किया है.
हालांकि उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा "वह व्यक्ति जो पार्टी के लिए संचार संभाल रहा है". गुप्ता ने कहा, इस नेता ने उस समय फोन भी नहीं किया जब मेरे पिता बीमार थे और अस्पताल में थे. उन्होंने कहा, "जब से उन्होंने कार्यभार संभाला है, कई मुद्दे रहे हैं, राष्ट्रवाद, सनातन, आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन... मैं और कई अन्य लोग बेहद परेशान थे. लेकिन हमने समझौता कर लिया. आख़िरी झटका तो तब लगा जब उन्हें पिता की तबीयत के बारे में पता करने के लिए एक फोन तक नहीं किया. यह आत्म-सम्मान का मामला था."
भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पार्टी के आगे के नजरिए के बार में था. भाजपा आज उन सभी चीजों के लिए खड़ी है जिनका प्रतिनिधित्व कभी कांग्रेस करती थी. उन्होंने कहा, "मुख्य रूप से मध्यमार्गी नीतियां और राष्ट्रवाद के दो मूल मूल्य, जिन्होंने कांग्रेस को 60 वर्षों तक शासन करने में मदद की थी. लेकिन पिछले दो वर्षों में, इन मूल्यों को वामपंथी विचारों ने पीछे छोड़ दिया है." कांग्रेस के अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होने से इनकार करने और देश के विकास में योगदान देने वाले व्यापारियों की आलोचना के पीछे ये थे.
उन्होंने कहा, कांग्रेस ऐसी कभी नहीं थी. पार्टी एक समय उदारीकरण लेकर आई थी और देश की आर्थिक वृद्धि के लिए खड़ी थी. लाखों लोगों की आस्था और भावनाएं राम मंदिर से जुड़ी थी. लेकिन कांग्रेस ने इसे नजरअंदाज किया, ऐसा नहीं करना चाहिए था. आप उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हो सकते थे, लेकिन दूसरे दिन भी जा सकते थे.राहुल गांधी तो अक्सर मंदिरों जाते हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपने सलाहकारों की बात सुनते हैं. लेकिन किसी को सही सलाहकार भी चुनना चाहिए... एक आदमी जिसने कभी चुनाव नहीं लड़ा, वह सही सलाह कैसे दे सकता है? वह जमीनी स्तर के मुद्दों को नहीं जानता है."
कांग्रेस ने रोहन गुप्ता को अहमदाबाद पूर्व लोकसभा सीट से टिकट दिया था लेकिन उन्होंने अपने पिता की खराब सेहत का हवाला देते हुए अपना नाम वापस ले लिया था. इसके कुछ दिनों बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी.
कांग्रेस में करीब 15 साल रहे गुप्ता ने भाजपा के 2047 तक विकसित भारत के एजेंडे का समर्थन किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण की सराहना की. पिछले दिनों कांग्रेस के एक और प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था.
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