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This Article is From Oct 25, 2022

ऋषि सुनक ब्रिटेन के PM बने तो भारत में ट्रेंड करने लगा 'मुस्लिम PM', शशि थरूर को लोगों ने किया ट्रोल

भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गये हैं. वहीं सुनक के पीएम बनने पर भारत (India) में 'मुस्लिम पीएम' ट्रेंड होने लगा है. कुछ लोग कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) को ट्रोल कर रहे हैं.

ऋषि सुनक के ब्रिटेन का पीएम बनने पर लोग शशि थरूर को इस वजह से ट्रोल करने लगे.

नई दिल्ली:

भारतीय मूल के  42 साल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए हैं. सुनक के प्रधानमंत्री बनते ही भारत में भी लोग जश्न मनाने की बात करने लगे हैं. ट्विटर पर ऋषि सुनक को लेकर धड़ाधड़ ट्वीट हो रहे हैं. भारतीय राजनेताओं ने भी ऋषि सुनक को बधाई दी. हालांकि, इस बीच ट्विटर पर 'मुस्लिम पीएम' भी ट्रेंड करने लगा और लोगों ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर को खूब ट्रोल किया.

Muslim PM? क्यों ट्रेंड हुआ
भारत मे 'मुस्लिम पीएम' क्यों ट्रेंड हुआ और शशि थरूर (Shashi Tharoor) को ट्रोल्स का सामना क्यों करना पड़ रहा है. दरअसल, ब्रिटिश संग्राहलय के अध्यक्ष जॉर्ज ओसबोर्न ने ऋषि सुनक के पीएम बनने को लेकर एक ट्वीट किया. उन्होंने कहा, "दिन के अंत तक ऋषि सुनक प्रधानमंत्री होंगे. कुछ सोचते हैं, मेरी तरह, वह हमारी समस्याओं का समाधान है; दूसरों को लगता है कि वह समस्या का हिस्सा हैं, लेकिन आपकी राजनीति जो भी हो, आइए हम सभी पहले ब्रिटिश एशियाई के पीएम बनने का जश्न मनाएं और अपने देश पर गर्व करें जहां ऐसा हो सकता है."

क्या यह यहां हो सकता है?'
उनके इस ट्वीट को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने री-ट्वीट किया और लिखा, "अगर ऐसा होता है, तो मुझे लगता है कि हम सभी को यह स्वीकार करना होगा कि ब्रितानियों ने दुनिया में कुछ बहुत ही दुर्लभ काम किया है, अपने सबसे शक्तिशाली कार्यालय में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य को मौका दिया है. हम भारतीय ऋषि सुनक के लिए जश्न मनाते हैं. आइए ईमानदारी से पूछें; क्या यह यहां(भारत) में हो सकता है?"

ट्रेंड हुआ मुस्लिम पीएम, ट्रोल हुए शशि थरूर
शशि थरूर के इस ट्वीट के बाद ही भारत में ट्विटर की हवा बदल गई और ट्रेंड होने लगा 'मुस्लिम पीएम'. शशि थरूर के ट्वीट को लेकर कई लोगों ने उनको ट्रोल करना शुरू कर दिया. कई यूजर्स ने इसके लिए कुछ उदाहरण भी दिए. राजनीतिक टिप्पणीकार सुनंदा वशिष्ठ ने लिखा, "दो कार्यकाल के लिए सिख पीएम, मुस्लिम राष्ट्रपति, महिला प्रधानमंत्री, महिला राष्ट्रपति...कई ऐसे उदाहरण हैं. हम इसके बारे में अधिक हो-हल्ला नहीं करते, क्योंकि हम ब्रिटिश के विपरित नस्लवादी नहीं हैं. बेशक उनके लिए यह बहुत बड़ी बात है."

कुछ ने सहमति दिखाई तो कुछ विरोध में उतरे
जैस्मीन फर्नांडो नाम की यूजर ने लिखा, "एक हिंदू 75% ईसाई आबादी के साथ ब्रिटिश साम्राज्य का पीएम बन सकता है, एक हिंदू 80% ईसाई आबादी के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका का उपराष्ट्रपति बन सकता है, लेकिन भारत सिर्फ 20% मुस्लिम आबादी वाला देश, उनके शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की गारंटी नहीं दे सकता है."

कंचन गुप्ता नाम के यूजर ने लिखा, "भारत में 3 निर्वाचित मुस्लिम और एक सिख राष्ट्रपति रहे हैं जिन्होंने राज्य के प्रमुख के रूप में कार्य किया. भारत में एक सिख प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने 10 वर्षों तक सरकार के प्रमुख के रूप में कार्य किया. भारत में उच्च पदों पर असंख्य 'गैर-बहुमत' नागरिक हैं. यदि आप उन्हें स्वीकार नहीं करते हैं, तो यह आपकी समस्या है. भारत की नहीं."


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