असम के एक होमगार्ड के जवान ने ईमानदारी और बहादुरी की मिसाल पेश की. जवान ने ड्रग तस्करों की लाखों की रिश्वत की पेशकश ठुकरा दी और 12 करोड़ के मादक पदार्थ बरामद कराए. इस पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस होमगार्ड जवान को पुरस्कृत किया और उसे राज्य की पुलिस सेवा में ले लिया. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ईमानदारी की मिसाल पेश करने वाले होमगार्ड कर्मी बोरसिंग बे को शनिवार को पुलिस कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति का पत्र सौंपा.
असम के कार्बी आंगलोंग जिले में 21 जून को एक नाके पर तैनात बोरसिंग बे को तस्करों ने रिश्वत के रूप में बड़ी रकम की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इस पेशकश को ठुकरा दिया. बोरसिंग ने प्रशासन की मदद करके 12 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ बरामद कराए. इसके बाद राज्य मंत्रिमंडल ने उन्हें पुलिस में कांस्टेबल के पद पर नियुक्त करने का निर्णय लिया.
मुख्यमंत्री सरमा ने इस अवसर पर कहा, “राज्य सरकार, ईमानदारी और बहादुरी का सम्मान करती है. बे ने अदम्य साहस का परिचय दिया और इससे असम पुलिस के कर्मियों को प्रेरणा मिलेगी.” होमगार्ड वस्तुतः पुलिस की सहायता करने वाला बल है जबकि कांस्टेबल पुलिस विभाग का पद है.
सरमा ने मादक पदार्थ एवं अवैध तस्करी रोधी दिवस पर कहा कि समाज में सकारात्मक संदेश देने के उद्देश्य से यहां राज्य सचिवालय में आयोजित एक समारोह में बे को नियुक्ति पत्र सौंपने का निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 45 दिन में राज्य में 135 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ जब्त किए गए.
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