
- महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम पर अभी तक पूरी सहमति नहीं बन पाई है.
- जन अधिकार पार्टी अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि पहले एनडीए को हराना महागठबंधन का मुख्य लक्ष्य है.
- चुनाव के बाद ही विधायक दल का नेता चुना जाएगा, इसलिए अभी मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है.
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने साफ कर दिया है कि महागठबंधन में अभी तक तेजस्वी यादव के नाम पर पूरी तरह सहमति नहीं बनी है.
'पहले NDA को हराना है, फिर नेता चुनेंगे'
पप्पू यादव ने खुलकर कहा है कि महागठबंधन का लक्ष्य पहले एकजुट होकर एनडीए को हराना है. उन्होंने कहा, "चुनाव के बाद फैसला होगा कि कौन विधायक दल का नेता होगा." यह बयान तेजस्वी यादव के उन दावों पर सवाल खड़ा करता है, जिसमें वह खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बता रहे हैं.
तेजस्वी यादव की बिहार यात्रा पर भी पप्पू यादव ने टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि सभी नेता यात्रा करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उन्हें राहुल गांधी का निर्देश मिला है कि वे हर घर तक पांच गारंटी योजनाओं को पहुंचाएं. उन्होंने यह भी दोहराया कि अभी मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री का कोई मुद्दा नहीं है, बल्कि एनडीए को हराने के लिए मजबूती से लड़ना जरूरी है.
पप्पू यादव के इस बयान से साफ है कि महागठबंधन के भीतर अभी भी मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर मतभेद हैं और विधायक दल का नेता चुनने का फैसला चुनाव नतीजों के बाद ही होगा.
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