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This Article is From Jul 27, 2023

बिजली वितरण कंपनियों के घाटे में आई कमी, सरकारें समय पर कर रही भुगतान : आरईसी सीएमडी देवांगन

महारत्न कंपनी आरईसी लिमिटेड ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही का परिणाम जारी किया. इस तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 2447 करोड़ से 21 प्रतिशत बढ़कर 2968.5 करोड़ हो गया.

बिजली वितरण कंपनियों के घाटे में आई कमी, सरकारें समय पर कर रही भुगतान : आरईसी सीएमडी देवांगन
कंपनी की कुल आय बढ़कर 11,091.77 करोड़ रुपये हो गई
नई दिल्‍ली:

सरकारी विभागों का बकाया और सब्सिडी बिलों का राज्य सरकारों द्वारा भुगतान न होने के कारण बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) घाटे में चल रही थी. लेकिन रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) लॉन्च करने के बाद एक साल में ही डिस्कॉम का घाटा कम होने लगा. यह ऊर्जा क्षेत्र को वित्तीय उपलब्ध कराने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी आरईसी लिमिटेड के सीएमडी विवेक कुमार देवांगन ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया.

उन्होंने कहा, "बिजली सब्सिडी देने के लिए राज्य सरकारें स्वतंत्र हैं. हमने सिर्फ इतना कहा है कि सरकारें, सब्सिडी का भुगतान बिजली वितरण कंपनियों को समय पर कर दें. अब बहुत सारे डिस्कॉम को राज्य सरकारें एडवांस में सब्सिडी का पैसा दे रही हैं."

महारत्न कंपनी आरईसी लिमिटेड ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही का परिणाम जारी किया. इस तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 2447 करोड़ से 21 प्रतिशत बढ़कर 2968.5 करोड़ हो गया. इसके साथ ही कंपनी की कुल आय बढ़कर 11,091.77 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 9,506.06 करोड़ रुपये थी.

देश में ग्रामीण विद्युतीकरण को लेकर विवेक कुमार ने बताया कि 1000 दिनों के टारगेट से पहले ही 987 दिनों में हमने ग्रामीण विद्युतीकरण का काम पूरा कर दिया. मणिपुर के पहाड़ी इलाके जहां पहले बिना जनरेटर के काम नहीं होता था, अब वहां रात में भी बिजली आ रही है.

उन्होंने आगे कहा, "पिछली 6 तिमाहियों से कोई भी नया नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) नहीं है. 31 मार्च 2025 तक जीरो एनपीए का लक्ष्य हासिल कर लेंगे." साथ ही उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में 23.5 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 22 घंटे बिजली सप्लाई हो रही है. वहीं पूरे देश में 99 फीसदी घरों का विद्युतीकरण हो चुका है.

भारत के पड़ोसी देशों में प्रोजेक्ट को लेकर विवेक कुमार बताते हैं कि, हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड' परिकल्पान को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. आने वाले दिनों में नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका में जारी विद्युत परियोजनाओं को फाइनेंस करने का विचार कर रहे है.

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