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जीएसटी कम होने से डिमांड पकड़ेगी तूफानी रफ्तार, भारतीय बाजार में दिखेगा बड़ा बदलाव...

हेयर ऑयल, शैंपू से लेकर नोटबुक्स, हेल्थ इंश्योरेंस सभी पर सरकार ने राहत दी है. हेल्थ इंश्योरेंस पर से जीएसटी हटाकर इस सेक्टर की तो सरकार ने बल्ले-बल्ले ही कर दी.

जीएसटी कम होने से डिमांड पकड़ेगी तूफानी रफ्तार, भारतीय बाजार में दिखेगा बड़ा बदलाव...
  • सरकार ने जीएसटी स्लैब कम कर आम आदमी को आर्थिक राहत देने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है
  • 22 सितंबर 2025 से नए जीएसटी फैसले लागू होंगे, जिससे देश की खपत में वृद्धि की उम्मीद है
  • हेल्थ सेक्टर में राहत देकर हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी हटाया गया, जिससे इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा
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सरकार ने जीएसटी के स्लैब कम करके आम आदमी को बड़ी राहत दी है. सरकार के इस कदम को मास्टरस्ट्रोक कहा जा रहा है. 15 अगस्त 2025 को लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने इस बड़े बदलाव की तरफ सकेंत भी दिया था. उन्होंने कहा था कि देशवासियों को दिवाली से पहले एक बड़ा गिफ्ट मिलने जा रहा है. यकीन मानिए ये फैसला आम नागरिकों के लिए किसी बड़े गिफ्ट से कम नहीं है. 22 सितंबर 2025 से जीएसटी काउंसिल के ये फैसले लागू हो जाएंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश की खपत में 1.98 लाख करोड़ का इजाफा हो सकता है. हालांकि सरकार को 85 हजार करोड़ रुपये के रेवेन्यू का नुकसान होने की आशंका है.

हेल्थ सेक्टर की हुई बल्ले-बल्ले

हेयर ऑयल, शैंपू से लेकर नोटबुक्स, हेल्थ इंश्योरेंस सभी पर सरकार ने राहत दी है. हेल्थ इंश्योरेंस पर से जीएसटी हटाकर इस सेक्टर की तो सरकार ने बल्ले-बल्ले ही कर दी. कोरोना के बाद से ही हेल्थ इंश्योरेंस लेने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा था. अब इस कदम के बाद स्वास्थ्य बीमा सेक्टर में एक बूम आने की उम्मीद है. 

फेस्टिव सीजन में हो सकती है मदद

हेल्थ सेक्टर ही नहीं बल्कि एफएमसीजी, ऑटो, एग्रीकल्चर सेक्टर में डिमांड पुश करने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है. दरअसल कोरोना के बाद से देश की डिमांड में एक भारी-भरकम गिरावट आई थी. प्रोडक्ट्स बन रहे थे, लेकिन खरीदार बाजार में मिल नहीं रहे थे. फेस्टिव सीजन में देखा जा रहा था कि ग्रोथ उम्मीद के अनुसार नहीं हो रही थी. इसी को देखते हुए टैक्स रिफॉर्म के बाद अब सरकार ने जीएसटी रिफॉर्म किया है. 

रिलीफ पैकेज के जरिए देश के एक्सपोर्टर्स की होगी मदद

सरकार की तरफ से ये बड़ा बदलाव ऐसे समय आया है, जब वैश्विक स्तर पर टैरिफ की वॉर चल रही है. भारत पर 50% रेसिप्रोकल टैरिफ ट्रंप लगा चुके हैं, जिसका सीधा असर भारत के एक्सपोर्टर्स पर पड़ना तय माना जा रहा है. सरकार इसके लिए भी तैयार है. कई तरह के राहत पैकेज पर काम किया जा रहा है, जिससे देश के एक्सपोर्टर्स को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. वहीं दूसरी तरफ देश में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो चुकी है. इसलिए केंद्र सरकार सस्ते समान करके इस फेस्टिव सीजन का भरपूर इस्तेमाल करना चाहती है. देश में कंजम्पशन बढ़ने से अर्थव्यवस्था और तेजी से आगे जाएगी.

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आत्मनिर्भर, मेक इन इंडिया मुहिम को मिलेगी तेजी

इतना ही नहीं जब से टैरिफ वॉर का आगाज हुआ है, तभी से मोदी सरकार आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया जैसी मुहिम को और तेजी से आगे ले जा रही है. सरकार ने इंडियन चिप और टेम्पर्ड ग्लास बनाने की शुरुआत कर दी है. हालांकि आत्मनिर्भर बनने के लिए हमें एक लंबा रास्ता तय करना है, उससे पहले जीएसटी, टैक्स रिफॉर्म देश की गाड़ी को सही दिशा में ले जाने में मदद करता रहेगा. 

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