- दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन गेट नंबर-1 के पास हुए कार धमाके में जांच एजेंसियों को फिदायीन हमले का शक है.
- इसके लिंक फरीदाबाद के संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल से जुड़ रहे हैं. पुलिस आतंकी साजिश के ऐंगल से भी जांच कर रही है.
- बीते कुछ दिनों के दौरान देश में ऐसी कई गिरफ्तारियां हुईं, जिनके तार आतंकी मॉड्यूल से जुड़ने की बात सामने आई.
दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन गेट नंबर-1 के पास हुए कार धमाके में जांच एजेंसियों को फिदायीन हमले का शक है. जांच एजेंसियां आतंकी साजिश के ऐंगल से भी जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि इसके लिंक फरीदाबाद के संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल से जुड़ रहे हैं. बीते कुछ महीनों के दौरान पूरे देश में कई ऐसी गिरफ्तारियां हुई हैं जिनके तार संदिग्ध आतंकवादी मॉड्यूल से जुड़ने की बात सामने आई. इनमें जम्मू-कश्मीर के पुलवामा-अनंतनाग से लेकर मुंबई तक और हरियाणा के फरीदाबाद से लेकर गुजरात के अहमदाबाद और दिल्ली से लेकर यूपी के सहारनपुर तक गिरफ्तारियां की गई हैं.
सोमवार को ही कश्मीर से लेकर फरीदाबाद तक कई आतंकियों को गिरफ्तार किया गया. वहीं गुजरात के सूरत से ऐसे दहशतगर्दों की गिरफ्तारियां की गईं जो पानी में जहर मिलाकर बड़े जैविक हमले की योजना बना रहे थे, तो ठीक एक दिन पहले अहमदाबाद में भी तीन ऐसे आतंकियों को पकड़ा गया जो देश में कई जगहों पर हमले की योजना बना रहे दो अलग अलग माड्यूल से जुड़े थे.

दिल्ली में कार धमाके से पहले बीते कुछ महीनों के दौरान देश की आंतरिक सुरक्षा में लगी एजेंसियों ने ऐसी कई आतंकी योजनाओं को नाकाम कर दिया था और इसका सबूत पूरे देश में की गई कई गिरफ्तारियां और हथियारों की बरामदगी है. इससे जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े एक अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल के तार जुड़े होने का शक जताया गया है.
चलिए सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कि पिछले एक महीने के दौरान दहशतगर्दी की योजनाओं को कब और कैसे नाकाम किया गया.

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फरीदाबाद मॉड्यूल से लिंक
जहां दिल्ली कार धमाके में इस्तेमाल की गई कार हुंडई i20 में जो शख्स मृत पाया गया है उसके तार सोमवार को फरीदाबाद में हुई गिरफ्तारी से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं. फरीदाबाद में 2900 किलो विस्फोटक और हथियारों के बड़े जखीरे के साथ पकड़े गए सात दहशतगर्द देश में विस्फोट की बड़ी योजना बना रहे थे. बताया गया कि यह विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट हो सकता है.
10/11 हमले की सुबह
सोमवार की शुरुआत इसी खबर से हुई. पुलिस ने बताया कि यह आतंकी मॉड्यूल धन जुटाने, रसद की व्यवस्था करने और हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री हासिल करने के अलावा लोगों की पहचान करने, उन्हें कट्टरपंथी बनाने और आतंकवादी समूहों में भर्ती करने में भी शामिल था. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर, अनंतनाग, गंदेरबल और शोपियां जिलों में कई जगहों पर छापे मारे. फिर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर सहारनपुर में भी छापे मारे और गिरफ्तारियां की गईं.
फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से चलाए गए इस अभियान में आईईडी बनाने की 2,900 किलोग्राम सामग्री के अलावा अन्य हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए.

पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान श्रीनगर के नौगाम निवासी आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, श्रीनगर के नौगाम निवासी यासिर-उल-अशरफ, श्रीनगर के नौगाम निवासी मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद, श्रीनगर के नौगाम निवासी, शोपियां की एक मस्जिद के इमाम मौलवी इरफान अहमद, गंदेरबल के वाकुरा निवासी जमीर अहमद अहंगर उर्फ मुतलाशा, पुलवामा के कोइल निवासी डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई उर्फ मुसैब और कुलगाम के वानपोरा के निवासी डॉ. अदील के रूप में हुई है.
पानी और मंदिरों के प्रसाद में जहर मिलाने की साजिश
गुजरात पुलिस ने सोमवार को ही इस्लामिक स्टेट के एक ऐसे हमले को नाकाम किया जिसमें देश में कई जगहों पर पानी में जहर मिलाने की कोशिश की बात सामने आई है. गुजरात पुलिस ने बताया कि इस्लामिक स्टेट पानी में जहर मिलाने में राइसिन का इस्तेमाल कर रहा था. राइसिन अरंडी के बीज से निकलने वाला जहरीला पदार्थ है.

सूरत में सोमवार को गिरफ्तार किए गए ISIS के तीन सदस्य
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यह एक शक्तिशाली विषैला पदार्थ है जिसे जैविक आतंकवाद के एजेंट के रूप में कैटेगरी 'बी' में रखा गया है. यह भी बताया गया है कि उन्होंने लखनऊ और दिल्ली के मंदिरों के प्रसाद में भी जहर मिलाने की योजना बनाई थी. हालांकि ये दहशतगर्द अपनी नापाक योजनाओं में सफल नहीं हो सके.
09 नवंबर 2025- अहमदाबाद में तीन गिरफ्तारियां
दिल्ली में हुए कार धमाके से ठीक एक दिन पहले गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में तीन गिरफ्तारियां की गईं. गुजरात एटीएस ने बताया सुरक्षा एजेंसी की इन पकड़े गए ये तीनों आतंकियों पर पिछले एक साल से नजर थी. इनकी गिरफ्तारी हथियारों की सप्लाई के दौरान की गई. इनकी गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने बताया, "ये गुजरात आकर हथियारों की लेनदेन में लगे थे और इनकी योजना देश के कई जगहों पर हमले की थी."
उन्होंने यह भी बताया कि पकड़े गए तीन आतंकी दो अलग अलग माड्यूल से जुड़े हैं. एटीएस ने बताया कि वो यह पता लगाने में जुटी है कि इनकी योजना देश के किन जगहों पर हमले की थी.
07 नवंबर 2025- जैश का पोस्टर लगाने वाले डॉक्टर आदिल गिरफ्तार
वहीं जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में आतंकवादी संगठन जैश-ए- मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के आरोप में सहारनपुर के एक निजी अस्पताल में कार्यरत एक डाक्टर को गिरफ्तार किया गया. श्रीनगर पुलिस ने कुछ दिन पहले शहर के कई इलाकों मे जैश-ए-मोहम्मद के प्रचार के लिए पोस्टर लगाये जाने के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जांच के दौरान सीसीटीवी कैमरों में एक युवक पोस्टर चिपकाते हुए नजर आया, जिसकी पहचान अनंतनाग निवासी डाक्टर आदिल अहमद के रूप में हुई. डॉक्टर आदिल अनंतनाग के रहने वाले हैं और सहारनपुर में एक नर्सिंग होम में कार्यरत थे.
24 अक्टूबर 2025- मोलोटोव कॉकटेल, ISIS झंडा समेत दो गिरफ्तार
दिल्ली में कार धमाके से करीब दो हफ्ते पहले दिल्ली और मध्य प्रदेश से आईएसआईएस से जुड़े दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. इनमें 19 साल के अबु मुहारिब और 20 साल के अबु मोहम्मद शामिल हैं. उनके पास से प्लास्टिक बम, मोलोटोव कॉकटेल, टाइमर डिवाइस और आईएसआईएस का झंडा और प्रचार सामग्री समेत विस्फोटक बनाने वाली चीजों को बरामद किया गया.
16-17 अक्टूबर 2025- दिल्ली और भोपाल से गिरफ्तार दो शख्स
आतंकी साजिशें रचने की फिराक में लगे दो अदनान खान नामक युवकों को दिल्ली और भोपाल से गिरफ्तार किया गया. ये गिरफ्तारियां दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने किया और उन पर पटियाला कोर्ट में सुनवाई चल रही है. जिसमें ये सामने आया कि साउथ दिल्ली में एक मॉल और पब्लिक पार्क उनके निशाने पर था. इनके पास कई सोशल मीडिया आईडी भी मिले.
22 जुलाई 2025- ऑनलाइन आतंकी मॉड्यूल चला रहे 5 गिरफ्तार, एक महिला शामिल
गुजरात एटीएस ने भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) के पांच सदस्यों को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया जिसमें एक महिला भी शामिल थीं. ये एक ऑनलाइन आतंकी मॉड्यूल चला रहे थे, इन्हें पाकिस्तान में बैठे हैंडलर से निर्देश मिलता था. 22 जुलाई को गिरफ्तार किए गए इन लोगों के नाम फरदीन सेख, सैफुल्लाह कुरैशी, मोहम्मद फैक और जीशान अली है. इन पर आरोप है कि ये भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा के कट्टरपंथी विचारों को सोशल मीडिया पर शेयर करते थे. इनमें से एक जीशान अली के नोएडा स्थित घर से अवैध ऑटोमैटिक पिस्तौल और जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं. इन चार गिरफ्तारियों के बाद जब पुलिस ने आगे की कार्रवाई की तो बेंगलुरु से इस मॉड्यूल से जुड़ी एक महिला शमा परवीन को गिरफ्तार किया गया.
दिल्ली में 2005-2011 के बीच धमाकों में 104 लोगों की मौत
दिल्ली में पिछली बार 2011 में बड़ा धमाका हुआ था. 7 सितंबर 2011 को दिल्ली हाई कोर्ट के पास हुए उस ब्लास्ट में 15 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 74 घायल हुए थे. वहीं उससे पहले 2008 के 13 और 27 सितंबर को कनॉट प्लेस, करोल बाग, ग्रेटर कैलाश और महरौली फूल बाजार में हुए कुल चार अलग-अलग ब्लास्ट में 26 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 123 लोग घायल हुए थे. उससे पहले 29 अक्टूबर 2005 को भी दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट हुआ था. सरोजनी नगर, पहाड़गंज और गोविंदपुरी में हुए इन धमाकों में कुल 62 लोगों की मौत हुई थी जबकि बहुत बड़ी संख्या में 210 लोग घायल हुए थे.
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