फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली के कानून मंत्री जीतेंद्र सिंह तोमर का गुस्सा मीडिया पर फूटा। फर्जी डिग्री के मामले में कुछ दिन से विरोधी पार्टियां लगातार उनपर राजनीतिक हमला कर रही है। इसी के चलते गुरुवार को सिग्नेचर ब्रिज के लूप के उद्घाटन के मौके पर वो नर्वस दिख रहे थे।
जैसे ही मीडिया ने उनसे फर्जी डिग्री के बाबत सवाल पूछे वो फट पड़े उन्होंने कहा कि मीडिया स्मृति ईरानी के डिग्री पर सवाल नहीं उठाती है। उन पर बार-बार खबरें दिखाई जाती है। जबकि अब तक हाईकोर्ट की तरफ से उनकी डिग्री पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
जीतेंद्र तोमर यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि पार्टी मेरे पक्ष से पूरी तरह सहमत है। वो पार्टी के लिए इस्तीफा ही नहीं जान भी दे सकते हैं। मीडिया पर बरसते हुए तोमर ने कहा कि छोटी-छोटी बातों को लेकर आम आदमी पार्टी पर मीडिया लगातार निशाना साधती रहती है। ये राजनीतिक विरोधियों की साजिश है।
सूत्रों का ये भी कहना है कि गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाबत कानून मंत्री से लिखित स्पष्टीकरण भी मांगा था। इस मामले में जीतेंद्र सिंह तोमर ने भी अपना पक्ष विस्तार से बताया है।
दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका में जीतेंद्र सिंह तोमर पर फर्जी डिग्री के आधार पर वकालत करने का आरोप लगाया गया है। जब से भागलपुर विश्वविद्यालय ने उनके प्रोविजनल सार्टिफिकेट के नंबर को गलत बताया है तबसे विरोधियों का हमला तेज हो गया है।
बीजेपी और कांग्रेस लगातार मुख्यमंत्री के घर से लेकर सचिवालय तक पर प्रदर्शन कर रही है ताकि इस मुद्दे पर सियासी दबाव बनाया जा सके। युवा कांग्रेसी नेता अमित मलिक तो भूख हड़ताल पर बैठ गए है।
अगर आने वाले समय में दिल्ली के कानून मंत्री की मुश्किलें बढ़ती है तो बीजेपी और कांग्रेस में सियासी फायदा लेने की एक नई होड़ भी होगी। लेकिन अब ये तय है कि कानून मंत्री की कुर्सी तभी जाएगी जब दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से इस मामले में कोई सख्त टिप्पणी होगी या कोई फैसला होगा।
जैसे ही मीडिया ने उनसे फर्जी डिग्री के बाबत सवाल पूछे वो फट पड़े उन्होंने कहा कि मीडिया स्मृति ईरानी के डिग्री पर सवाल नहीं उठाती है। उन पर बार-बार खबरें दिखाई जाती है। जबकि अब तक हाईकोर्ट की तरफ से उनकी डिग्री पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
जीतेंद्र तोमर यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि पार्टी मेरे पक्ष से पूरी तरह सहमत है। वो पार्टी के लिए इस्तीफा ही नहीं जान भी दे सकते हैं। मीडिया पर बरसते हुए तोमर ने कहा कि छोटी-छोटी बातों को लेकर आम आदमी पार्टी पर मीडिया लगातार निशाना साधती रहती है। ये राजनीतिक विरोधियों की साजिश है।
सूत्रों का ये भी कहना है कि गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाबत कानून मंत्री से लिखित स्पष्टीकरण भी मांगा था। इस मामले में जीतेंद्र सिंह तोमर ने भी अपना पक्ष विस्तार से बताया है।
दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका में जीतेंद्र सिंह तोमर पर फर्जी डिग्री के आधार पर वकालत करने का आरोप लगाया गया है। जब से भागलपुर विश्वविद्यालय ने उनके प्रोविजनल सार्टिफिकेट के नंबर को गलत बताया है तबसे विरोधियों का हमला तेज हो गया है।
बीजेपी और कांग्रेस लगातार मुख्यमंत्री के घर से लेकर सचिवालय तक पर प्रदर्शन कर रही है ताकि इस मुद्दे पर सियासी दबाव बनाया जा सके। युवा कांग्रेसी नेता अमित मलिक तो भूख हड़ताल पर बैठ गए है।
अगर आने वाले समय में दिल्ली के कानून मंत्री की मुश्किलें बढ़ती है तो बीजेपी और कांग्रेस में सियासी फायदा लेने की एक नई होड़ भी होगी। लेकिन अब ये तय है कि कानून मंत्री की कुर्सी तभी जाएगी जब दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से इस मामले में कोई सख्त टिप्पणी होगी या कोई फैसला होगा।
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