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This Article is From Apr 06, 2023

"कविताएं कम, इतिहास ज़्यादा पढ़ें..." : ज्योतिरादित्य सिंधिया का जयराम रमेश पर पलटवार

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को राहुल गांधी और कांग्रेस पर तीखा हमला किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी के पास देश के खिलाफ काम करने वाले "गद्दार" के अलावा कोई विचारधारा नहीं बची है.

"कविताएं कम, इतिहास ज़्यादा पढ़ें..." : ज्योतिरादित्य सिंधिया का जयराम रमेश पर पलटवार
(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने है. विभिन्न मुद्दों और मोर्चों पर पार्टी नेता एक दूसरे को घेरते नजर आ रहे हैं. इसी क्रम में बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस नेता जयराम रमेश आमने-सामने आ गए हैं. केंद्रीय मंत्री ने जयराम रमेश पर उन्हें 'गद्दार' कहने पर पलटवार किया है.

उन्होंने जवाहरलाल नेहरू की किताब, ‘Glimpses of World History' का एक अंश ट्वीट कर कहा " कविताएं कम और इतिहास ज़्यादा पढ़ें." किताब का अंश जो उन्होंने ट्वीट किया है, उसमें लिखा है कि इस प्रकार उन्होंने (मराठों ने) दिल्ली साम्राज्य को जीता. मराठा ब्रिटिश वर्चस्व को चुनौती देने के लिए बने रहे. लेकिन मराठा शक्ति ग्वालियर के महादजी सिंधिया की मृत्यु के बाद टुकड़े-टुकड़े हो गई.

वहीं, एक अन्य ट्वीट में उन्होंने किताब के एक अन्य अंश को शेयर किया है, जिसमें लिखा है, " मराठों ने 1782 में दक्षिण में अंग्रेजों को हराया. उत्तर में, ग्वालियर के सिंधिया का प्रभुत्व था और दिल्ली के गरीब असहाय सम्राट को नियंत्रित किया."

दरअसल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को राहुल गांधी और कांग्रेस पर तीखा हमला किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी के पास देश के खिलाफ काम करने वाले "गद्दार" के अलावा कोई विचारधारा नहीं बची है.

बीजेपी नेता ने मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी को "स्पेशल ट्रीटमेंट" देने के लिए कांग्रेस पर हमला किया और पार्टी पर न्यायपालिका पर दबाव डालने और प्रासंगिक बने रहने के लिए हर संभव प्रयास करने का आरोप लगाया. 

इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सिंधिया पर निशाना साधा था. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "  क्या वे झांसी की रानी पर सुभद्रा कुमारी चौहान की अमर कविता भूल गए हैं? अंग्रेजों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह ने सुनी थी कहानी, खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी." उनके इसी ट्वीट पर सिंधिया ने पलटवार किया है और उन्हें इतिहास पढ़ने की सलाह दी है. 

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