विज्ञापन
This Article is From May 05, 2023

वैश्विक वित्त पर कुछ मुद्राओं का दबदबा, विविधता लाने की जरूरत: RBI डिप्टी गवर्नर

भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत आयोजित हैकाथॉन की शुरूआत के मौके पर शंकर ने यह भी अपील की कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं (सीबीडीसी) को अन्य देशों को भी अपनाना चाहिए.

वैश्विक वित्त पर कुछ मुद्राओं का दबदबा, विविधता लाने की जरूरत: RBI डिप्टी गवर्नर
मुंबई:

भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि वैश्विक वित्तीय व्यवस्था पर अभी कुछ गिनी-चुनी अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं का दबदबा है और अन्य मुद्राओं को अपनाकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा व्यवस्था में विविधता लाकर जोखिम कम करने की जरूरत है. भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत आयोजित हैकाथॉन की शुरूआत के मौके पर शंकर ने यह भी अपील की कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं (सीबीडीसी) को अन्य देशों को भी अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वित्तीय स्थिरता को बनाये रखने के लिये कानूनी रूप से वैध डिजिटल मुद्रा आवश्यक है.

उल्लेखनीय है कि भारत ने पिछले साल रुपये का वैश्वीकरण करने का अपना प्रयास शुरू किया. इसके तहत रुपये में अंतरराष्ट्रीय भुगतान को संभव बनाकर अमेरिकी डॉलर के दबदबे वाले व्यापार पर निर्भरता को कम करने की कोशिश की जा रही है. अब तक 18 देशों ने रुपये खाते खोले हैं. शंकर ने कहा, ‘‘हमारे पास एक वैश्विक वित्तीय प्रणाली है जहां लेन-देन में कुछ गिनी चुनी मुद्राओं का दबदबा है.'' उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, यह शायद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा प्रणाली के हित में होगा कि थोड़ी अधिक विविध मुद्राएँ हों. इससे कुछ ही मुद्राओं पर निर्भरता कम होने के साथ वैश्विक वित्तीय प्रणालियों को जोखिम मुक्त करने का अतिरिक्त लाभ हो सकता है.''

ये भी पढ़ें-

 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com