निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) के बाद भाजपा के एक अन्य सांसद रवि किशन शुक्ला (Ravi Kishan Shukla) ने रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर बसपा के सांसद दानिश अली (Danish Ali) के आचरण की जांच करने का आग्रह किया है. शुक्ला ने अली पर सदन में 'असंसदीय' कृत्यों में शामिल होने और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. विपक्षी दलों ने जहां बृहस्पतिवार को सदन में अली के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी (Ramesh Bidhuri) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, वहीं दुबे ने आरोप लगाया है कि बसपा सांसद ने सत्तारूढ़ दल के सदस्य को उकसाने के इरादे से अशोभनीय टिप्पणी की थी. अली ने रविवार को दुबे के आरोपों को ''बेबुनियाद'' बताया और दावा किया कि लोकसभा में उनकी ''मौखिक लिंचिंग'' के बाद सदन के बाहर उनकी ''लिंचिंग'' की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है.
लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में शुक्ला ने कहा कि बिधूड़ी ने अली के खिलाफ जो भी शब्द इस्तेमाल किए हैं, वे 'किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं' हैं, लेकिन जिन परिस्थितियों में सदन में एक सांसद द्वारा किसी अन्य सांसद के खिलाफ 'ऐसे आपत्तिजनक' शब्दों का इस्तेमाल किया गया, 'उन पर गौर फरमाने और उनकी जांच किए जाने की जरूरत है.'
गोरखपुर से लोकसभा सांसद शुक्ला ने कहा कि 21 सितंबर को सदन के निचले सदन में कुछ 'अभूतपूर्व और असंसदीय चीजें' हुईं. भाजपा सदस्य रमेश बिधूड़ी ने सदन में बसपा सदस्य के खिलाफ 'कुछ आपत्तिजनक और अनुचित शब्दों' का इस्तेमाल किया.
उन्होंने कहा कि बिधूड़ी द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द भले ही 'काफी अनुचित, अस्वीकार्य और संसद के उच्च मानकों के अनुरूप नहीं' थे, लेकिन भाजपा सदस्य ने 'अली द्वारा लगातार हंगामा मचाने और व्यवधान उत्पन्न करने के कारण आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और वो भी बहस के आवेश में.'
'राजनीतिक एजेंडे एवं मीडिया का ध्यान खींचने के लिए इस्तेमाल'
शुक्ला ने कहा कि इसमें 'कोई दो राय नहीं है' कि बिधूड़ी ने अली के खिलाफ जो भी शब्द इस्तेमाल किए हैं, वे 'अस्वीकार्य' हैं, लेकिन बसपा सदस्य द्वारा जिस तरह से चीजों के साथ 'छेड़खानी' की जा रही है और 'राजनीतिक एजेंडे एवं मीडिया का ध्यान खींचने' के लिए इनका इस्तेमाल किया जा रहा है, वह आपत्तिजनक है.
उन्होंने कहा, 'मौजूदा मामले में, मैं आपका ध्यान अतीत में सदन में किसी अन्य सदस्य की चर्चा या भागीदारी के दौरान कुंवर दानिश अली द्वारा हंगामा या व्यवधान उत्पन्न करने की आदत की ओर आकर्षित करना चाहूंगा.'
अली ने मेरे खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया : रवि किशन
शुक्ला ने आरोप लगाया, ''उन्होंने (अली ने) दो बार मेरे खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया था. पिछले साल नौ दिसंबर को जब मैं अपना निजी सदस्य विधेयक 'जनसंख्या नियंत्रण विधेयक, 2019' सदन में पेश कर रहा था, तब दानिश अली ने मुझे रोकने की कोशिश की. उन्होंने मेरे खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की और कहा कि मैं सदन में एक निजी सदस्य विधेयक पेश कर रहा हूं, जबकि मेरे खुद चार बच्चे हैं.”
उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि इस तरह का व्यवहार 'अस्वीकार्य' है और आग्रह किया कि 'आपके सम्मानित कार्यालय' द्वारा इसकी जांच की जानी चाहिए.
अली के असंसदीय कृत्यों और शब्दों की जांच हो : रवि किशन
शुक्ला ने कहा, “21 सितंबर को सदन में जो कुछ हुआ, वह किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है. हालांकि, मैं आपसे इस मामले पर गौर फरमाने और नौ दिसंबर 2022 को सदन में जनसंख्या नियंत्रण पर निजी सदस्य विधेयक पेश करते समय कुंवर दानिश अली द्वारा किए गए असंसदीय कृत्यों और आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल की जांच करने का आग्रह करना चाहूंगा. इसके लिए मैं आपका अत्यधिक आभारी रहूंगा.”
इससे पहले, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर दानिश अली के आचरण और टिप्पणियों की जांच करने का आग्रह किया था.
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