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This Article is From Jan 15, 2024

20-21 जनवरी को आम लोगों के लिए बंद रहेगा राम मंदिर, सात दिनों तक होगा विशेष पूजन

चंपत राय ने बताया गया कि प्रतिमा पांच वर्ष के बालक के स्वरूप में होगी. प्रतिमा को जल, अन्न, औषधि, घी इत्यादि अनेक प्रकार से निवास कराया जाता है. इसको पूजा पद्धति में अधिवास कहते हैं.

नई दिल्ली:

अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर भव्य तैयारियां की जा रही हैं. मंदिर ट्रस्ट समय-समय पर श्रद्धालुओं को निर्माण से जुड़ी तस्वीर और जानकारियां मुहैया कराता रहता है. ट्रस्ट की तरफ से आज बताया गया है कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले 20 और 21 जनवरी को राम मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा. 18 जनवरी को गर्भगृह में रामलला की मूर्ति अपने आसान पर विराजमान होगी. इस मूर्ति का वजन 150 से 200 किलो के बीच होगा.

वहीं 22 जनवरी को आमंत्रित लोग 2 बजे के बाद गर्भगृह में भगवान राम के दर्शन कर पाएंगे. सुबह दस बजे सभी आमंत्रित लोगों को प्रवेश करना होगा. राम मंदिर परिसर के अंदर यज्ञशाला बनी है. नौ कुंड, 120 वैदिक पुजारी बुलाए गए हैं. गणेश्वर शास्त्री और कमलेश्वर दीक्षित की देखरेख में सभी कार्यक्रम होंगे. कल जो यजमान होगा, वो 22 जनवरी तक रहेगा.

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Photo Credit: ANI

अयोध्या तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने कहा है कि सभी प्रकार की तैयारियां पूरी की जा रही हैं. 22 जनवरी को पौष शुक्ल द्वादशी  अभिजीत मुहूर्त है. प्राण प्रतिष्ठा दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी. इसे गणेशेश्वर शास्त्री द्राविड ने निर्धारित किया है. कर्मकांड की संपूर्ण प्रक्रिया कृष्णकांत दीक्षित कराएंगे. वहीं प्राण प्रतिष्ठा की पूजन विधि 16 जनवरी से शुरू होकर 21 जनवरी तक चलेगी. 22 जनवरी को न्यूनतम आयोजन विधि होगी. पत्थर की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी.

चंपत राय ने बताया गया कि प्रतिमा पांच वर्ष के बालक के स्वरूप में होगी. प्रतिमा को जल, अन्न, औषधि, घी इत्यादि अनेक प्रकार से निवास कराया जाता है. इसको पूजा पद्धति में अधिवास कहते हैं. ये बड़ी कठिन पूजा होती है, अन्न-जल और सैय्या वास होता है.

मंदिर ट्रस्ट ने बताया कि गर्भगृह में प्रधानमंत्री, सरसंघचालक, उप्र मुख्यमंत्री, नृत्यगोपादास और राज्यपाल की मौजूदगी होगी. साथ ही सभी ट्रस्टी और 150 धर्माचार्य, आदिवासी, गिरीवासी समुद्रवासी जितनी विधाएं हैं ये होंगी. इसमें सैनिक, प्रशासन, राजदूत, न्यायपालिका, लेखक, साहित्यकार, कलाकार, चित्रकार, मूर्तिकार हर विधा के लोग आमंत्रित किए गए हैं. मंदिर का निर्माण लार्सन ट्युब्रो और टाटा ने किया है. वेंडर के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे, करीब 500 लोग रहेंगे.

उन्होंने कहा कि साधु-संतों में सारा भारत, सभी भाषी, शैव, वैष्णव, शाक्त, गणपति, सिख, बौद्ध, जैन, छह दर्शन कबीर पंथी, वाल्मीकि, शंकर, देव, इस्कॉन, रामकृष्ण, अकाली, स्वामी नारायण, वरकाणा, वीर, शैव और लिंगायत संप्रदाय के लोग उपस्थिति रहेंगे. 12.20 से 1 बजे तक प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो जाएगी. फिर सभी महानुभाव अपने मनोभाव प्रकट करेंगे. महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज आशीर्वाद देंगे.

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चंपत राय ने बताया गया कि इस समारोह में 65 से 75 मिनट का वक्त लगेगा. अमरनाथ, मानसरोवर, गंगोत्री, हरिद्वार, प्रयागराज का संगम तट, नर्मदा, गोदावरी, नासिक गोकर्ण का जल आया है. श्रद्धापूर्वक जल और रज ला रहे हैं. कन्या पक्ष के लोग वर पक्ष को भेंट देते हैं. दक्षिणी नेपाल के वीरगंज और मिथिला से एक हज़ार टोकरों में भेंट लेकर आए हैं. सीतामढ़ी क्षेत्र से भी लोग आए हैं. रामजी की ननिहाल छत्तीसगढ़ से लोग आए हैं. साधू जोधपुर से घी लेकर आए हैं.

उन्होंने बताया कि 20 और 21 जनवरी को दर्शन बंद रहेंगे. भोग शयन पुजारी कराएंगे. 20 और 21 को बंद करने से व्यवस्था बनाने में सरलता हो. हम आमंत्रितों के लिए 8000 कुर्सियां लगाएंगे. साथ ही कहा कि अपने-अपने मंदिर की सफ़ाई करें और 22 तारीख़ को स्वच्छता रखें.

बताया जा रहा है कि 22 जनवरी को अयोध्या में 100 से ज्यादा चार्डेट प्लेन आने की संभावना है. हांगकांग और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों से लोग आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रयास रहेगा, जो लोग आएंगे, उसी दिन दर्शन करके चले जाएं. रात्रि में दर्शन का वक्त बढ़ाते रहेंगे, ताकि उसी दिन दर्शन हो जाए. 22 जनवरी को मीडिया को भी कैमरों के साथ दर्शन कराया जाएगा. वक्त अभी तय नहीं है.
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सिर्फ 22 जनवरी को 25 चार्डेट प्लेन आयोध्या आएंगे. 18, 19 और 20 तारीख को अगर जोड़ लें, तो 100 से ज्यादा चार्डेट प्लेन आएंगे. हवाई अड्डे के अधिकारियों को व्यवस्था करने के लिए बोला गया है. 26 तारीख से विश्व हिन्दू परिषद और RSS के कार्यकर्ता अलग अलग तारीख को आएंगे. हर रोज चार हजार से पांच हजार कार्यकर्ता फरवरी के अंत तक दर्शन करने आएंगे. 

कहा जा रहा है कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में इतना बड़ा कार्यक्रम कभी नहीं हुआ है, ये दुर्लभ बात है. 23 जनवरी से आम लोग रामलला के दर्शन कर सकते हैं.

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